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12 Jul 2019 · 1 min read

न टूटे संवाद

टिकी है
संवादों पर
दुनियाँ
सच्चे
संवाद देती हैं
खुशियाँ

बने रहे
परिवार में
आपसी संवाद
होंगे आपस में
दूर मतभेद ,
बढ़ेगा प्यार

माता पिता
रखें संवाद
बच्चों से
होंगे नहीं
वे कभी
गुमराह

मतभेद
हो भले
नहीं हों
मनभेद
कभी
सिलसिला
संवादों का
टूटे न

स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
Tag: कविता
162 Views

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