Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2017 · 1 min read

नोट बंदी

        नोट बंदी

मोदी जी के नोट बंदी ने,
हाहाकार मचा दिया।
काला धन रखने वालों पर,
करारा प्रहार कर दिया।

अचानक हुए इस फैसले ने,
सारे लोगों को हिला दिया।
पाँच सौ और हज़ार के नोट
रहते हुए भी कोई काम ना आ सका।

कागज का एक टुकड़ा हो गया
जो होकर भी पास पास ना हो सका

कालाधन और आतंकवाद पर जोर का वार है,
मोदी जी आपका ये प्रयास लाज़वाब है।

कालाधन रखने वालों की
नींद चैन सब हो गई फुर्र,
अपने पास परे पैसों को
कर रहे है दूर।

जिनके पास नहीँ है पैसे
वो चैन की नींद सो रहे है,
और जिनके पास पैसे है
वो अपनी नींद खो रहे है

नाम-ममता रानी,राधानगर(बाँका)

Language: Hindi
2 Likes · 481 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Mamta Rani
View all
You may also like:
मुक्तक।
मुक्तक।
Pankaj sharma Tarun
हक़ीक़त सभी ख़्वाब
हक़ीक़त सभी ख़्वाब
Dr fauzia Naseem shad
अपनी सीमाओं को लान्गां तो खुद को बड़ा पाया
अपनी सीमाओं को लान्गां तो खुद को बड़ा पाया
कवि दीपक बवेजा
अपने साथ तो सब अपना है
अपने साथ तो सब अपना है
Dheerja Sharma
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
Paras Nath Jha
होता सब चाहे रहे , बाहर में प्रतिकूल (कुंडलियां)
होता सब चाहे रहे , बाहर में प्रतिकूल (कुंडलियां)
Ravi Prakash
दिल जल रहा है
दिल जल रहा है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आईने झूठ तो बोलेंगे नहीं
आईने झूठ तो बोलेंगे नहीं
Ranjana Verma
💐प्रेम कौतुक-251💐
💐प्रेम कौतुक-251💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सारे यार देख लिए..
सारे यार देख लिए..
Dr. Meenakshi Sharma
2621.पूर्णिका
2621.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस
डॉ.सीमा अग्रवाल
भला दिखता मनुष्य
भला दिखता मनुष्य
Dr MusafiR BaithA
दिल से ….
दिल से ….
Rekha Drolia
बस माटी के लिए
बस माटी के लिए
Pratibha Pandey
जन जागरण के लिए
जन जागरण के लिए
Shekhar Chandra Mitra
Daily Writing Challenge : सम्मान
Daily Writing Challenge : सम्मान
'अशांत' शेखर
झूठ भी कितना अजीब है,
झूठ भी कितना अजीब है,
नेताम आर सी
🌹मां ममता की पोटली
🌹मां ममता की पोटली
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मैं तुमको याद आऊंगा।
मैं तुमको याद आऊंगा।
Taj Mohammad
Kbhi kbhi lagta h ki log hmara fayda uthate hai.
Kbhi kbhi lagta h ki log hmara fayda uthate hai.
Sakshi Tripathi
प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े
प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े
श्याम सिंह बिष्ट
ख़ामोशी
ख़ामोशी
कवि अनिल कुमार पँचोली
मेरे लिखने से भला क्या होगा कोई पढ़ने वाला तो चाहिए
मेरे लिखने से भला क्या होगा कोई पढ़ने वाला तो चाहिए
DrLakshman Jha Parimal
दासी
दासी
Bodhisatva kastooriya
आपकी सोच जीवन बना भी सकती है बिगाढ़ भी सकती है
आपकी सोच जीवन बना भी सकती है बिगाढ़ भी सकती है
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
■ लघुकथा / पशु कौन...?
■ लघुकथा / पशु कौन...?
*Author प्रणय प्रभात*
हाथों ने पैरों से पूछा
हाथों ने पैरों से पूछा
Shubham Pandey (S P)
ओ माँ... पतित-पावनी....
ओ माँ... पतित-पावनी....
Santosh Soni
कविता
कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...