नोटबंदी 2016 के दौर में लिखी गई एक रचना

नोटबंदी 2016 के दौर में लिखी गई एक रचना
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*पुराना कर्ज लौटाने नए नोटों में आते हैं (हिंदी गजल/ गीतिका)*
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1
पुराना कर्ज लौटाने नए नोटों में आते हैं
अचम्भा है, मगर कुछ लोग करके यह भी जाते हैं
2
वो जिनसे बोलचालें थीं हमारी बंद अरसे से
अचानक मोड़ पर मिलते हैं, मिलकर मुस्कुराते हैं
3
जरा-सी देर में झगड़े सुलझ जाऍंगे बरसों के
पहल करते हैं आओ कुछ कदम हम ही बढ़ाते हैं
4
बिना रिश्वत के होना काम मुश्किल लग रहा है, पर
चलो करते हैं कोशिश, सूर्य पश्चिम से उगाते हैं
5
कहीं न बाढ़ आ जाए, नेताओं के मोहल्लों में
ये आँसू नोटबंदी में जरा ज्यादा बहाते हैं
6
हुआ है नोटबंदी से गजब का फायदा यह भी
धनी-निर्धन सभी जन एक-सा जीवन बिताते हैं
7
समझदारी में आगे है, हमारे देश की जनता
ये नेता लाख चाहें पर, इन्हें भड़का न पाते हैं
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*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451