*नेता जेलों में गए, सुख-सुविधा के साथ (कुंडलिया)*

*नेता जेलों में गए, सुख-सुविधा के साथ (कुंडलिया)*
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नेता जेलों में गए, सुख-सुविधा के साथ
सत्ता का इनको मिला, आशीषों का हाथ
आशीषों का हाथ, जेल में सुरती खाते
मालिश करते दास, पॉंव दिन-रात दबाते
कहते रवि कविराय, मूॅंछ कब झुकने देता
घर हो अथवा जेल, एक-सा रहता नेता
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451