Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2023 · 2 min read

*नेताओं की धुआँधार भाषणबाजी (हास्य व्यंग्य)*

नेताओं की धुआँधार भाषणबाजी (हास्य व्यंग्य)
■■■■■■■■■■■■■■■■■
मेरा ध्यान उन नेताओं की ओर जाता है जिन बेचारों को एक महीने तक लगातार रोजाना दस-दस बड़ी जनसभाओं में भाषण देना पड़ता है । इसे हम केवल भाषण देना नहीं कह सकते । कहना चाहिए कि गला फाड़ना पड़ता है । अगर आवाज बैठ जाए तो इसमें आश्चर्य की बात कुछ भी नहीं है।
पता नहीं जनता का ध्यान नेताओं के इस कष्ट की ओर जाता है अथवा वह इस ओर ध्यान नहीं देते । चुनाव में यह बात तो सभी जानते हैं कि जो नेता जितना जोरदार भाषण देता है ,वह उतना ही अच्छा बोलने वाला माना जाता है । धाँसू नेता की पहचान ही यही है कि वह सभा-स्थल पर इतना गला फाड़े कि आसमान फट जाए । अगर कोई नेता शांति से अपनी बात कह कर चला जाए तब यह माना जाता है कि यह अच्छा बोलने वाला नहीं है ।
जिन नेताओं को भाषण देने के लिए छोटी-मोटी सभाओं में माइक की आवश्यकता नहीं पड़ती है वही अच्छे भाषणकर्ता माने जाते हैं । चुनाव में जनता के बीच जोश भरने का काम नेताओं के जिम्में रहता है । इन सब कार्यों से नेता का गला बैठता है ,आवाज फटने लगती है , बोलने में परिश्रम ज्यादा करना पड़ता है। अधिक कहो , तब जाकर थोड़ी-सी बात जनता तक पहुंँच पाती है । बेचारे अपनी बात कहने में थक जाते हैं लेकिन सबका अपना-अपना काम होता है । नेता का काम ही भाषण देना है । वह भाषण नहीं देगा तो फिर नेतागिरी का क्या होगा ? बिना भाषण सुने जनता वोट नहीं देती और भाषण जब तक आसमान को गुंजायमान कर देने वाला नहीं हो तब तक वह भाषण प्रभावशाली नहीं कहलाता।
इसलिए नेतागण चुनावों के समय अपना गला चौपट कर देते हैं । गले के साथ-साथ उनका चेहरा ,आँखें और मस्तिष्क सभी कुछ तमतमाया हुआ रहता है । पता नहीं लोकतंत्र के शुभचिंतकों को इतने लंबे समय तक नेताओं की भाषणबाजी के कारण उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंता होती है कि नहीं ? लेकिन अत्यधिक समय तक और अत्यधिक जोरदार भाषणबाजी लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है ।
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
लेखक: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

149 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
देश के वीरों की जब बात चली..
देश के वीरों की जब बात चली..
Harminder Kaur
गीत... (आ गया जो भी यहाँ )
गीत... (आ गया जो भी यहाँ )
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
सूरज की किरणों
सूरज की किरणों
Sidhartha Mishra
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
अनिल कुमार
बुंदेली दोहा शब्द- थराई
बुंदेली दोहा शब्द- थराई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बार बार दिल तोड़ा तुमने , फिर भी है अपनाया हमने
बार बार दिल तोड़ा तुमने , फिर भी है अपनाया हमने
Dr Archana Gupta
हमारे पास करने को दो ही काम है।
हमारे पास करने को दो ही काम है।
Taj Mohammad
■ अखंड भारत की दिशा में प्रयास का पहला चरण।
■ अखंड भारत की दिशा में प्रयास का पहला चरण।
*Author प्रणय प्रभात*
** हद हो गई  तेरे इंकार की **
** हद हो गई तेरे इंकार की **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आओ हम मुहब्बत कर लें
आओ हम मुहब्बत कर लें
Shekhar Chandra Mitra
मुस्कुरा के दिखा नहीं सकते
मुस्कुरा के दिखा नहीं सकते
Dr fauzia Naseem shad
प्यार कर डालो
प्यार कर डालो
Dr. Sunita Singh
नए जूते
नए जूते
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सारा रा रा
सारा रा रा
Sanjay ' शून्य'
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
Vishal babu (vishu)
भगत सिंह का प्यार था देश
भगत सिंह का प्यार था देश
Anamika Singh
*फागुन कह रहा मन से( गीत)*
*फागुन कह रहा मन से( गीत)*
Ravi Prakash
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
Neelam Sharma
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
🌷🧑‍⚖️हिंदी इन माय इंट्रो🧑‍⚖️⚘️
Ms.Ankit Halke jha
एक प्रश्न
एक प्रश्न
Aditya Prakash
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग:36
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग:36
AJAY AMITABH SUMAN
आज कोई नही अनजान,
आज कोई नही अनजान,
pravin sharma
इससे बड़ा हादसा क्या
इससे बड़ा हादसा क्या
कवि दीपक बवेजा
अत्याचार अन्याय से लड़ने, जन्मा एक सितारा था
अत्याचार अन्याय से लड़ने, जन्मा एक सितारा था
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यह सिर्फ़ वर्दी नहीं, मेरी वो दौलत है जो मैंने अपना खून और पसीना बहा के हासिल की है। This is not just my uniform but my wealth which I have earned by shedding my blood and sweat..!
यह सिर्फ़ वर्दी नहीं, मेरी वो दौलत है जो मैंने अपना खून और पसीना बहा के हासिल की है। This is not just my uniform but my wealth which I have earned by shedding my blood and sweat..!
Lohit Tamta
"तांगा"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
तुम यह अच्छी तरह जानते हो
gurudeenverma198
✍️चाबी का एक खिलौना✍️
✍️चाबी का एक खिलौना✍️
'अशांत' शेखर
सौभाग्य मिले
सौभाग्य मिले
Pratibha Pandey
वक्त की उलझनें
वक्त की उलझनें
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
Loading...