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12 Feb 2022 · 1 min read

नुमाइश

आगे बढ़ने की होती है चाहत जिसे वो,
कभी किसी की आजमाइश नहीं करते।
चट्टानों को चीरकर निकाल लेते हैं रास्ता,
अपने करतब की कभी नुमाइश नहीं करते

?????
रचना- पूर्णतः मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
गृहजिला- सुपौल
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०-9534148597

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
1 Like · 132 Views
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