Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

मित्रता

कैसा तेरा खेल है ईश्वर ,
जीवन कितना सूक्ष्म व नश्वर !
क्या मेरी एक इच्छा पूर्ति
कर पायेगी तेरी नियति?

तू जब कोई पेड़ लगाये
पात्र मेरी मिटटी का बनाये
बीज मेरे मित्र को बनाके
इस विरहअश्रु से अंकुर आये

फिर माली का धर्म निभाकर
तने पर उसके सामर्थ्य लगाकर
शाखाओ मे सबको बिठाकर
यादो की मलय समीर बहाये

जब तरु मंद पवन से झीमे
कौतुहल खगकुल का उसपर
रंग बिरंगी जीवों का बसेरा
और उसमे हम सबका भी डेरा

हरित तृणों का नृत्य आलौकिक
पुष्प- फलो के सुहाने सपने
अवनि से अम्बरतल तक देखु
सखा सारे उसके और अपने

इंद्रधनुष के सारे रंग
ऊषा पर देखु क्षितिज को संग
पर तेरी सृष्टि की क्रीड़ा
सोचके मैं रहजाता दंग!!

एक दिन फिर आज सा होगा
इसलिए कुछ ऐसा माँगा
फूल बिखर सब जायेंगे फिर भी
अटूट रहे ये प्रेम का धागा

जब तू बृक्ष को मिटटी करेगा
आकर वो इस पात्र मे गिरेगा
उसकी मिटटी मेरी होगी
मेरी माटी वो अपनी करेगा

उस मिटटी से तू जो भी बनाये
उसमे मेरा कुछ उसका समाये
फिर जन्मान्तर तक मेरा मित्र,
मित्रता फिर शास्वत हो जाये!!

4 Likes · 693 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कहाँ मिलोगे?
कहाँ मिलोगे?
Rambali Mishra
"सुन लेवा संगवारी"
Dr. Kishan tandon kranti
राख देह की पांव पसारे
राख देह की पांव पसारे
Suryakant Dwivedi
गलतफहमी
गलतफहमी
Sanjay ' शून्य'
2846.*पूर्णिका*
2846.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गए थे दिल हल्का करने,
गए थे दिल हल्का करने,
ओसमणी साहू 'ओश'
मां -सही भूख तृष्णा खिलाया सदा
मां -सही भूख तृष्णा खिलाया सदा
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
*मर्यादा*
*मर्यादा*
Harminder Kaur
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
تونے جنت کے حسیں خواب دکھائے جب سے
Sarfaraz Ahmed Aasee
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
मुक़द्दर में लिखे जख्म कभी भी नही सूखते
Dr Manju Saini
सीता स्वयंवर (सखी वार्ता)
सीता स्वयंवर (सखी वार्ता)
guru saxena
गणेश चतुर्थी के शुभ पावन अवसर पर सभी को हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ...
गणेश चतुर्थी के शुभ पावन अवसर पर सभी को हार्दिक मंगल कामनाओं के साथ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मैं भी कृष्ण
मैं भी कृष्ण
Sonu sugandh
- प्यार का इकरार दिल में हो मगर कोई पूछे तो मुकरना चाहिए -
- प्यार का इकरार दिल में हो मगर कोई पूछे तो मुकरना चाहिए -
bharat gehlot
रहो महलों में बन में
रहो महलों में बन में
Baldev Chauhan
सनातन के महापर्व महाकुंभ का पहला अमृत स्नान, 14 जनवरी 2025 :
सनातन के महापर्व महाकुंभ का पहला अमृत स्नान, 14 जनवरी 2025 :
ललकार भारद्वाज
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या  रिश्ते को इतन
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या रिश्ते को इतन
पूर्वार्थ
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
VEDANTA PATEL
*घर के बाहर जाकर जलता, दीप एक रख आओ(गीत)*
*घर के बाहर जाकर जलता, दीप एक रख आओ(गीत)*
Ravi Prakash
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
Ravikesh Jha
प्रकृति की गोद
प्रकृति की गोद
उमा झा
मध्यम परिवार....एक कलंक ।
मध्यम परिवार....एक कलंक ।
Vivek Sharma Visha
एक लम्हा
एक लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी की राह में हर कोई,
जिंदगी की राह में हर कोई,
Yogendra Chaturwedi
* मुस्कुराते हुए *
* मुस्कुराते हुए *
surenderpal vaidya
काश
काश
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
उनसे मुहब्बत करने से पहले ये देखना ज़रूर,
उनसे मुहब्बत करने से पहले ये देखना ज़रूर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चाहत
चाहत
Sûrëkhâ
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
Loading...