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5 Apr 2020 · 1 min read

नीम-हकीम खतरा-ए-जान

नीम-हकीम खतरा-ए-जान

आए बिल्ली जब
बंद कर लेते हैं आँखें
सभी कबूतर
ताकि टल जाए संकट
आँखें बंद नहीं
लाइट बंद करने के
आदेश हैं साहब के
लेकिन साहब
हम कबूतर नहीं
और वो भी बिल्ली नहीं

नीम-हकीम खतरा-ए-जान
पुख्ता इंतजाम कीजिए
इसे गंभीरता से लीजिए
टौने-टोटके हम
बाद में कर लेंगे
फिलहाल तो
कोई रणनीति बनाइए
संकट से उबरने की

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 206 Views
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