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8 Feb 2023 · 1 min read

नींद में गहरी सोए हैं

नींद में गहरी सोए हैं
मोहमाया में खोए हैं
काल की दस्तक सुनकर भी
ज़िन्दगी तुझको ढोए हैं
कल्पनाओं के विस्तार में
उम्रभर ही हम रोए हैं
नफ़रतों के दौर में यारो
ख़ार ही अक्सर बोए हैं
झूठ था ये सदियों से ही
पाप गंगा में धोए हैं

—महावीर उत्तरांचली

2 Likes · 2 Comments · 78 Views
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