Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2017 · 1 min read

निर्लज्ज राजनीति

तांका मालिका .. राजनीति
********

राजनीति तो
बन गयी निर्लज्ज
शर्म गायब
लिहाज़ भी ग़ायब
स्वार्थ हुआ सर्वोच्च

सिद्धांत वोह
किसका है ये नाम
ईमानदारी
कैसी चिड़िया होती
स्वार्थ साधो अपना

बाप बेटा हो
या वो चाचा भतीजा
न कोई रिश्ता
रहा महत्वपूर्ण
अपनी गोटी लाल

जनता बनीं
वोट बटीं जातियाँ
उन्हें लड़ाओ
मार काट कराओ
ध्रुवीकरण होता

हमें जीतना
येन केन प्रकारेण
युद्ध या प्यार
सब कुछ जायज़
निर्लज़्ज़ राजनीति

देश को बाँटा
धर्म..भाषा..क्षेत्र..में
आरक्षण में
अगड़ा पिछड़ा में
फूट डालो सब में

फूट डालो औ
राज करो की नीति
अंग्रेजों की ही
अपनाई सबने
निर्लज़्ज़ राजनीति

Language: Hindi
456 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शिवा कहे,
शिवा कहे, "शिव" की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।
SPK Sachin Lodhi
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
“पेपर लीक”
“पेपर लीक”
Neeraj kumar Soni
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
जय श्रीकृष्ण -चंद दोहे
Om Prakash Nautiyal
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
Indu Singh
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
किसी को किसी से फ़र्क नहीं पड़ता है
Sonam Puneet Dubey
विशाल अजगर बनकर
विशाल अजगर बनकर
Shravan singh
सच है, कठिनाइयां जब भी आती है,
सच है, कठिनाइयां जब भी आती है,
पूर्वार्थ
खुद से ज़ब भी मिलता हूँ खुली किताब-सा हो जाता हूँ मैं...!!
खुद से ज़ब भी मिलता हूँ खुली किताब-सा हो जाता हूँ मैं...!!
Ravi Betulwala
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
4234.💐 *पूर्णिका* 💐
4234.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"अदा"
Dr. Kishan tandon kranti
15--🌸जानेवाले 🌸
15--🌸जानेवाले 🌸
Mahima shukla
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
नरेंद्र
नरेंद्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कदम बढ़े  मदिरा पीने  को मदिरालय द्वार खड़काया
कदम बढ़े मदिरा पीने को मदिरालय द्वार खड़काया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
!! युवा मन !!
!! युवा मन !!
Akash Yadav
ज़माने की नजर से।
ज़माने की नजर से।
Taj Mohammad
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
मित्रता स्वार्थ नहीं बल्कि एक विश्वास है। जहाँ सुख में हंसी-
Dr Tabassum Jahan
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
अपनी मनमानियां _ कब तक करोगे ।
Rajesh vyas
औरों के संग
औरों के संग
Punam Pande
देश की संस्कृति और सभ्यता की ,
देश की संस्कृति और सभ्यता की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जीवन की धूल ..
जीवन की धूल ..
Shubham Pandey (S P)
लिप्सा-स्वारथ-द्वेष में, गिरे कहाँ तक लोग !
लिप्सा-स्वारथ-द्वेष में, गिरे कहाँ तक लोग !
डॉ.सीमा अग्रवाल
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
कवि दीपक बवेजा
*** बचपन : एक प्यारा पल....!!! ***
*** बचपन : एक प्यारा पल....!!! ***
VEDANTA PATEL
हमारी काबिलियत को वो तय करते हैं,
हमारी काबिलियत को वो तय करते हैं,
Dr. Man Mohan Krishna
🙅शाश्वत सत्य🙅
🙅शाश्वत सत्य🙅
*प्रणय प्रभात*
Loading...