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28 Feb 2023 · 1 min read

नाहक करे मलाल….

नाहक करे मलाल…

कभी भाव गिरता चीजों का,
आता कभी उछाल।
चक्र-तुल्य ये दुनिया चलती,
नाहक करे मलाल।

कभी भाग्य छलता प्राणों को,
सौंप घुटन-संत्रास।
कभी चले आते घर खुद ही,
हास-हौंस-उल्लास।
साम्य बिठाता संयम मध्ये,
जैसे एक दलाल।

कहने दो जो कहती दुनिया,
मत दो उस पर ध्यान।
संकल्प लिए शुभ काम करो,
मिटें सकल व्यवधान।
उसको उसकी राह दिखाओ,
जब जो करे बबाल।

पग-पग किस्मत रूप बदलती,
राह बिछाती फूल।
लेती जब-जब कठिन परीक्षा,
खूब चुभाती शूल।
धैर्य-हिम्मत-जोश औ जज्बा,
बन जाते तब ढाल।

सकारात्मक सोच हो सबकी,
हो परहित का चाव।
वैमनस्य ना पाए पनपने,
चले न कोई दाँव।
निराशा जनित भाव न फटके,
दो तत्काल निकाल।

होनी तो होकर ही रहती,
सके न कोई रोक।
विपदा आती जाती रहती,
काहे करना शोक।
किस्मत के आगे सोचो तो,
गलती किसकी दाल।

बढ़ते जाओ धुन में अपनी,
पाओ निज गंतव्य।
लक्ष्य-सिद्धि में बाध न आए,
रहे यही मंतव्य।
बढ़े कदम बेखौफ देखकर,
ठहरे काल कराल।

शुभता पूरित कर्म तुम्हारे,
करें जगत कल्याण।
छाती चीर दो अन्याय की,
मिले सभी को त्राण।
उत्सव आनंद औ समरसता,
मिल सब करें धमाल।

© सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद ( उत्तर प्रदेश )
साझा संग्रह “प्रभांजलि” से

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 97 Views
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