!! नारियों की शक्ति !!

नारियों की चंचलता देख
जो कर दी वो जग को पीछे,
उड़ान की ओर स्वयं चले
छोड़ चले अंधविश्वासों को ।
नारियां जो कर सकती है
और जो कर को दिख लाई है,
मेरा उस कार्यों को नमन
नारियों को हजारों लाखों नमन।
नारियां होती है वो देवी
जो करती है न्यायों की जीत,
अपने कदमों पे भी चलने को
साहस हरदम करती वो।
नारियां ही तो सब चीजों में
अब देखो कैसे बढ़ते हैं आगे,
अरे एक मौका तो और दो उनको
जो कर देंगे अंधकार को खत्म।
नारियों की सोच होती है उमंग
हरदम रहते हैं कर्मों में मगन,
देखो उनकी कर्मों का चमन
कर दो उनकी चंचलता को नमन ।
नारियों को हजारों लाखों नमन,
नारियों को हजारों लाखों नमन ।।
कवि:- राजा कुमार ‘चौरसिया’
सलौना, बखरी, बेगूसराय