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2 Jun 2023 · 1 min read

नाम दोहराएंगे

पन्नों को पलट कर क्या जान पाओगे
अपने भीतर देखो वही भाव पाओगे
मेरे स्नेह का साकार रूप तुम हो
इसका प्रति उत्तर कैसे दे पाओगे
चाहो तुम कुछ भी उससे क्या होता
अपनेपन के एहसास को हमेशा करीब पाओगे
शरीर साथ ना दे सका तो क्या
अपनी आंखों को जब भी बंद करोगे
मुझे अपने सामने ही पाओगे
बंधन स्नेह का क्या होता
जब भी सोचोगे मेरा ही नाम दोहराओगे।

Language: Hindi
3 Likes · 377 Views
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