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5 Aug 2021 · 1 min read

नाम का रिश्ता

इतनी बदसलूकी से तो
कोई एक कूड़ेदान में पड़े
कूड़े से भी पेश नहीं आता
जितना वह अपने
घरवालों से आता है
बस नाम का रिश्ता है
ताल्लुक तो कोई रखता नहीं
व्यवहार में कहीं
बहुत ज्यादा कमी है
या तो सामने ही नहीं पड़ता
कन्नी काटता है या
जब कभी बोलता है तो
लड़ाई झगड़े पर उतर
आता
ऐसे लोगों के
दिल और दिमाग
किस चीज के बने होते हैं
पत्थर के तो नहीं
पत्थर को भी तराशा जाये तो
वह भी निखरकर
समय के साथ कुछ
आकार तो पा ही जाता है
यहां तो कुछ भी समझना
असम्भव सा प्रतीत होता है
दिल की धड़कनों के बिना
दिल कैसे धड़कता है
अपनों के बिना कोई कैसे
जीता है
ऐसी मानसिक स्थिति पर
मेरा मन अब तक शोध करने में
सफल हो न पाया।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 1 Comment · 212 Views
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