Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Nov 2023 · 1 min read

नहीं आया कोई काम मेरे

आया नहीं काम कोई मेरे, नहीं पूछे किसी ने हाल मेरे।
बताते हैं सब कमी मुझमें ही, सुनते नहीं है कारण मेरे।।
आया नहीं काम कोई मेरे—————-।।

कैसा है शक उनको मुझ पर, विश्वास नहीं है मुझ पर।
करते हैं मेरे लिए गुफ्तगू क्या, समझते नहीं है शब्द मेरे।।
आया नहीं काम कोई मेरे——————।।

मिलाते हैं हाथ वो मतलब पर, रहते हैं साथ वो मतलब में।
मिलते नहीं फिर भी वो दिल से, पसंद नहीं है शौक मेरे।।
आया नहीं काम कोई मेरे—————।।

मैंने तो उनको अपना समझकर, दिया था आदर दिल से।
फिर भी मुझे अपना माना नहीं, आते नहीं है ख्वाब मेरे।।
आया नहीं काम कोई मेरे—————-।।

उनके चमन को मेरे लहू सींचा, चिराग उनके मैंने जलाये।
चाहते हैं वो खून करना मेरा, रहे नहीं कभी वो साथ मेरे।।
आया नहीं काम कोई मेरे——————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जीवन मे
जीवन मे
Dr fauzia Naseem shad
मेरे प्यारे चाँद
मेरे प्यारे चाँद
Sudhir srivastava
"खुशी"
Dr. Kishan tandon kranti
नज़्म
नज़्म
Jai Prakash Srivastav
निर्दोष कौन ?
निर्दोष कौन ?
Dhirendra Singh
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
पंकज परिंदा
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
Manisha Manjari
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
Anand Kumar
*अभिनंदनीय हैं सर्वप्रथम, सद्बुद्धि गणेश प्रदाता हैं (राधेश्
*अभिनंदनीय हैं सर्वप्रथम, सद्बुद्धि गणेश प्रदाता हैं (राधेश्
Ravi Prakash
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
Subhash Singhai
मचलने लगता है सावन
मचलने लगता है सावन
Dr Archana Gupta
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय*
ईश्वर कहो या खुदा
ईश्वर कहो या खुदा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
2951.*पूर्णिका*
2951.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मानसून को हम तरसें
मानसून को हम तरसें
प्रदीप कुमार गुप्ता
तुम जिंदा हो इसका प्रमाड़ दर्द है l
तुम जिंदा हो इसका प्रमाड़ दर्द है l
Ranjeet kumar patre
....एक झलक....
....एक झलक....
Naushaba Suriya
#जिन्दगी ने मुझको जीना सिखा दिया#
#जिन्दगी ने मुझको जीना सिखा दिया#
rubichetanshukla 781
"किसान का दर्द"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कारगिल युद्ध के समय की कविता
कारगिल युद्ध के समय की कविता
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
सबकी विपदा हरे हनुमान
सबकी विपदा हरे हनुमान
sudhir kumar
सच की माया
सच की माया
Lovi Mishra
हाथ पसारने का दिन ना आए
हाथ पसारने का दिन ना आए
Paras Nath Jha
ईश्वर से बात
ईश्वर से बात
Rakesh Bahanwal
🌹🙏 Bhaj man radhe krishna 🙏 🌹
🌹🙏 Bhaj man radhe krishna 🙏 🌹
Nayan singer
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Kanchan Khanna
दिवाकर उग गया देखो,नवल आकाश है हिंदी।
दिवाकर उग गया देखो,नवल आकाश है हिंदी।
Neelam Sharma
इश्क़ में
इश्क़ में
हिमांशु Kulshrestha
हमें ईश्वर की सदैव स्तुति करनी चाहिए, ना की प्रार्थना
हमें ईश्वर की सदैव स्तुति करनी चाहिए, ना की प्रार्थना
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
........स्वयं का मोल.......
........स्वयं का मोल.......
Mohan Tiwari
Loading...