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30 Jun 2024 · 1 min read

नसीहत वो सत्य है, जिसे

नसीहत वो सत्य है, जिसे
कोई ग़ौर से नहीं सुनता..
और तारीफ वह धोखा है जिसे
सब पूरे ध्यान से सुनते हैं।

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