Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2023 · 1 min read

*नश्वर यह देह जगत् सारा, मन में यह बारंबार रहे (घनाक्षरी)*

*नश्वर यह देह जगत् सारा, मन में यह बारंबार रहे (घनाक्षरी)*
_________________________
कुछ और भले ही नहीं दो प्रभु,
जीवन में सुमति विचार रहे
सद्‌भाव भरा व्यवहार सदा,
जीवन का शुभ आधार रहे
अति दीन न हूँ निर्धनता में,
गर्वित धन का न उभार रहे
नश्वर यह देह जगत् सारा,
मन में यह बारंबार रहे
_________________________
रचयिताः रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.) मो. 9997615451

21 Views

Books from Ravi Prakash

You may also like:
**चरम सीमा पर अश्लीलता**
**चरम सीमा पर अश्लीलता**
गायक और लेखक अजीत कुमार तलवार
Daily Writing Challenge : कला
Daily Writing Challenge : कला
'अशांत' शेखर
जिन्दगी ने किया मायूस
जिन्दगी ने किया मायूस
Anamika Singh
आस का दीपक
आस का दीपक
Rekha Drolia
सुप्रभातं
सुप्रभातं
Dr Archana Gupta
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
छठ महापर्व
छठ महापर्व
श्री रमण 'श्रीपद्'
विचार
विचार
साहित्य लेखन- एहसास और जज़्बात
औरत
औरत
shabina. Naaz
151…. सहयात्री (राधेश्यामी छंद)
151…. सहयात्री (राधेश्यामी छंद)
Rambali Mishra
कनखी (श्रंगार रस-कुंडलिया)
कनखी (श्रंगार रस-कुंडलिया)
Ravi Prakash
सबनम की तरहा दिल पे तेरे छा ही जाऊंगा
सबनम की तरहा दिल पे तेरे छा ही जाऊंगा
Anand Sharma
बहुत तकलीफ देता है
बहुत तकलीफ देता है
Dr fauzia Naseem shad
इससे बड़ा हादसा क्या
इससे बड़ा हादसा क्या
कवि दीपक बवेजा
तख़्ता डोल रहा
तख़्ता डोल रहा
Dr. Sunita Singh
जिन्दगी में फैसले अपने दिमाग़ से लेने चाहिए न कि दूसरों से पू
जिन्दगी में फैसले अपने दिमाग़ से लेने चाहिए न कि...
अभिनव अदम्य
दो💔 लफ्जों की💞 स्टोरी
दो💔 लफ्जों की💞 स्टोरी
Ankit Halke jha
जिंदगी का एकाकीपन
जिंदगी का एकाकीपन
मनोज कर्ण
"अबकी जाड़ा कबले जाई "
Rajkumar Bhatt
कर्मण्य के प्रेरक विचार
कर्मण्य के प्रेरक विचार
Shyam Pandey
अद्भुत सितारा
अद्भुत सितारा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
- ग़ज़ल ( चंद अश'आर )
- ग़ज़ल ( चंद अश'आर )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मुर्गासन,
मुर्गासन,
Satish Srijan
■ आज का महाज्ञान
■ आज का महाज्ञान
*Author प्रणय प्रभात*
दस्तूर
दस्तूर
Rashmi Sanjay
तुझे मतलूब थी वो रातें कभी
तुझे मतलूब थी वो रातें कभी
Manoj Kumar
माँ स्कंदमाता
माँ स्कंदमाता
Vandana Namdev
गर्दिशों में तारे छुपाए बैठे हैं।
गर्दिशों में तारे छुपाए बैठे हैं।
Taj Mohammad
चमत्कार
चमत्कार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
देवदासी प्रथा का अंत
देवदासी प्रथा का अंत
Shekhar Chandra Mitra
Loading...