Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2024 · 1 min read

नशा ख़राब है l

“नशा अभिशाप है”

बिड़ी तबाखू गांजा दारू
रंग- रंग पाऊच खावत हच ।
भरे जवानी म बुढ़ापा बुलावत हच
मौत ल अपन परघावत हच ।।

नशा म स्वास्थ्य होथे खराब
तभो ले लोग पीथे शराब ।
धन खरचा होथे बेहिसाब
जब इंसान होथे नशा म बर्बाद।

घर परिवार म होथे लड़ाई
नई होवय नशा ले कोनो के भलाई ।
अब तो कहना मान मोर भाई
नशा होथे मौत के खाई।

गांव बस्ती म मान सम्मान खोथे
सब कुछ खो के पाछू रोथे।
नशा ल छोड़ परिवार संग रहीथे
तभे जीवन आगु बड़थे।

रंजीत कुमार पात्रे
( कोटा बिलासपुर )

Tag: Poem
34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"कु-समय"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल की हसरत सदा यूं ही गुलज़ार हो जाये ।
दिल की हसरत सदा यूं ही गुलज़ार हो जाये ।
Phool gufran
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं,
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं,
Manisha Manjari
बड़ा सरल है तोड़ना,
बड़ा सरल है तोड़ना,
sushil sarna
P
P
*प्रणय प्रभात*
एक बनी थी शक्कर मिल
एक बनी थी शक्कर मिल
Dhirendra Singh
दम उलझता है
दम उलझता है
Dr fauzia Naseem shad
"आज की रात "
Pushpraj Anant
अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भु
अव्यक्त भाव को समझना ही अपनापन है और इस भावों को समझकर भी भु
Sanjay ' शून्य'
मन की सूनी दीवारों पर,
मन की सूनी दीवारों पर,
हिमांशु Kulshrestha
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
Neerja Sharma
नफ़्स
नफ़्स
निकेश कुमार ठाकुर
दिलकश
दिलकश
Vandna Thakur
तुम,दर-दर से पूछ लो
तुम,दर-दर से पूछ लो
Inder Bhole Nath
वृद्धावस्था
वृद्धावस्था
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
3931.💐 *पूर्णिका* 💐
3931.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दूसरों के हितों को मारकर, कुछ अच्छा बनने  में कामयाब जरूर हो
दूसरों के हितों को मारकर, कुछ अच्छा बनने में कामयाब जरूर हो
Umender kumar
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
Sonam Puneet Dubey
खत और समंवय
खत और समंवय
Mahender Singh
कबीर ज्ञान सार
कबीर ज्ञान सार
भूरचन्द जयपाल
उन बादलों पर पांव पसार रहे हैं नन्हे से क़दम,
उन बादलों पर पांव पसार रहे हैं नन्हे से क़दम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Lamhon ki ek kitab hain jindagi ,sanso aur khayalo ka hisab
Sampada
बहुत झुका हूँ मैं
बहुत झुका हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
“बधाई और शुभकामना”
“बधाई और शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
प्रेम पत्र
प्रेम पत्र
Surinder blackpen
कुछ दुआ की जाए।
कुछ दुआ की जाए।
Taj Mohammad
*अध्याय 2*
*अध्याय 2*
Ravi Prakash
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
चाहे किसी के साथ रहे तू , फिर भी मेरी याद आयेगी
gurudeenverma198
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
हरी भरी तुम सब्ज़ी खाओ|
Vedha Singh
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...