Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2022 · 1 min read

नव वर्ष शुभ हो (कुंडलिया)

नव वर्ष शुभ हो (कुंडलिया)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
देते हैं शुभकामना , करें बंधु स्वीकार
नया वर्ष हो आपको , मंगल बारंबार
मंगल बारंबार , नया उत्साह जगाए
सदा रहें खुश आप,चेहरा खिल- खिल जाए
कहते रवि कविराय, नाव जीवन की खेते
बीते सारा वर्ष , आपको खुशियाँ देते
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451

36 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
Muhabhat guljar h,
Muhabhat guljar h,
Sakshi Tripathi
तू भूल जा उसको
तू भूल जा उसको
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ऐ नौजवानों!
ऐ नौजवानों!
Shekhar Chandra Mitra
■ प्रकाशित घरेलू वृत्तांत
■ प्रकाशित घरेलू वृत्तांत
*Author प्रणय प्रभात*
मियाद
मियाद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
लौट आयो
लौट आयो
Dr. Rajiv
डर डर के उड़ रहे पंछी
डर डर के उड़ रहे पंछी
डॉ. शिव लहरी
बाबा साहब आम्बेडकर
बाबा साहब आम्बेडकर
Aditya Prakash
ताल्लुक अगर हो तो रूह
ताल्लुक अगर हो तो रूह
Vishal babu (vishu)
प्रमेय
प्रमेय
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इतना घुमाया मुझे
इतना घुमाया मुझे
कवि दीपक बवेजा
जब कभी  मिलने आओगे
जब कभी मिलने आओगे
Dr Manju Saini
"यादें"
Dr. Kishan tandon kranti
*अपने अपनों से हुए, कोरोना में दूर【कुंडलिया】*
*अपने अपनों से हुए, कोरोना में दूर【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
आए अवध में राम
आए अवध में राम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-456💐
💐प्रेम कौतुक-456💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हम जाति से शुद्र नहीं थे. हम कर्म से शुद्र थे, पर बाबा साहब
हम जाति से शुद्र नहीं थे. हम कर्म से शुद्र थे, पर बाबा साहब
जय लगन कुमार हैप्पी
हालात और मुकद्दर का
हालात और मुकद्दर का
Dr fauzia Naseem shad
चौबीस घन्टे साथ में
चौबीस घन्टे साथ में
Satish Srijan
बेटियां
बेटियां
Manu Vashistha
मुक्तक
मुक्तक
anupma vaani
,...ठोस व्यवहारिक नीति
,...ठोस व्यवहारिक नीति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"शायद."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मत पूछो मुझ पर  क्या , क्या  गुजर रही
मत पूछो मुझ पर क्या , क्या गुजर रही
श्याम सिंह बिष्ट
संत कबीरदास
संत कबीरदास
Pravesh Shinde
जाने क्यूँ उसको सोचकर -
जाने क्यूँ उसको सोचकर -"गुप्तरत्न" भावनाओं के समन्दर में एहसास जो दिल को छु जाएँ
गुप्तरत्न
शिव स्तुति
शिव स्तुति
मनोज कर्ण
कैसे अम्बर तक जाओगे
कैसे अम्बर तक जाओगे
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
त्याग करने वाला
त्याग करने वाला
Buddha Prakash
सुहाग रात
सुहाग रात
Ram Krishan Rastogi
Loading...