Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2023 · 1 min read

नयी – नयी लत लगी है तेरी

नयी – नयी लत लगी है तेरी
नशा और -और -और चढ़ने दे
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

322 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3139.*पूर्णिका*
3139.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेटा
बेटा
अनिल "आदर्श"
😢😢
😢😢
*प्रणय प्रभात*
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
Piyush Goel
पहले की अपेक्षा साहित्य और आविष्कार दोनों में गिरावट आई है।इ
पहले की अपेक्षा साहित्य और आविष्कार दोनों में गिरावट आई है।इ
Rj Anand Prajapati
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
हंसना आसान मुस्कुराना कठिन लगता है
Manoj Mahato
# खरी  बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
क्या लिखूँ
क्या लिखूँ
Dr. Rajeev Jain
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
फागुनी धूप, बसंती झोंके
फागुनी धूप, बसंती झोंके
Shweta Soni
पढ़ने को आतुर है,
पढ़ने को आतुर है,
Mahender Singh
जज्बात
जज्बात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग्रन्थ
ग्रन्थ
Satish Srijan
*जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर*
*जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर*
Ravi Prakash
पुत्र की भूमिका निभाते वक्त माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतर
पुत्र की भूमिका निभाते वक्त माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतर
पूर्वार्थ
पुष्पदल
पुष्पदल
sushil sarna
बेफिक्र अंदाज
बेफिक्र अंदाज
SHAMA PARVEEN
माँ
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं,
ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं,
Manisha Manjari
जीवन में प्राकृतिक ही  जिंदगी हैं।
जीवन में प्राकृतिक ही जिंदगी हैं।
Neeraj Agarwal
आजाद पंछी
आजाद पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
Sonam Puneet Dubey
Mere papa
Mere papa
Aisha Mohan
“कभी मन करे तो कुछ लिख देना चाहिए
“कभी मन करे तो कुछ लिख देना चाहिए
Neeraj kumar Soni
"आजमाइश"
Dr. Kishan tandon kranti
नये साल में
नये साल में
Mahetaru madhukar
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
मानसिक और भावनात्मक तकलीफ
Mamta Rani
दुनिया में सब ही की तरह
दुनिया में सब ही की तरह
डी. के. निवातिया
डोर रिश्तों की
डोर रिश्तों की
Dr fauzia Naseem shad
Loading...