Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2021 · 1 min read

नफ़रत का व्यापार

मालूम है क्या
टीवी और अख़बार कर रहे हैं!
जेह़नी तौर पर
लोगों को बीमार कर रहे हैं!!
एक शख़्स की
सियासत चमकाने के लिए
कितनी लगन से
नफ़रत का व्यापार कर रहे हैं!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
Tag: कविता
268 Views
You may also like:
दिल के टुकड़े
दिल के टुकड़े
Surinder blackpen
अख़बारों में क्या रखा है?
अख़बारों में क्या रखा है?
Shekhar Chandra Mitra
जज़्बात-ए-दिल
जज़्बात-ए-दिल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद जी)
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद जी)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अगर मुझसे मोहब्बत है बताने के लिए आ।
अगर मुझसे मोहब्बत है बताने के लिए आ।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
शिक्षा (Education) (#नेपाली_भाषा)
शिक्षा (Education) (#नेपाली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ग़ज़ल। आदमी बिसर जाएगा
ग़ज़ल। आदमी बिसर जाएगा
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
मिट्टी के दीप जलाना
मिट्टी के दीप जलाना
Yash Tanha Shayar Hu
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Aditya Prakash
जो भी थे सब अधूरे
जो भी थे सब अधूरे
Dr fauzia Naseem shad
"काँच"
Dr. Kishan tandon kranti
There are only two people in this
There are only two people in this
Ankita Patel
तेरे हुस्न के होगें लाखों दिवानें , हम तो तेरे दिवानों के का
तेरे हुस्न के होगें लाखों दिवानें , हम तो तेरे...
Sonu sugandh
Mujhe laga tha irade majbut hai mere ,
Mujhe laga tha irade majbut hai mere ,
Sakshi Tripathi
"छत का आलम"
Dr Meenu Poonia
रावण के मन की व्यथा
रावण के मन की व्यथा
Ram Krishan Rastogi
जो भी कहा है उसने.......
जो भी कहा है उसने.......
कवि दीपक बवेजा
सुनो . . जाना
सुनो . . जाना
shabina. Naaz
💐अज्ञात के प्रति-39💐
💐अज्ञात के प्रति-39💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने खुद को दफ़्न होता पाया है।
दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने...
Manisha Manjari
प्रतीक्षित
प्रतीक्षित
Shiva Awasthi
*नेता जी से रखिए दूरी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*नेता जी से रखिए दूरी (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
मुझमें रह गए
मुझमें रह गए
विनोद सिल्ला
पहले की भारतीय सेना
पहले की भारतीय सेना
Satish Srijan
■ लघुकथा
■ लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
प्रेम आनंद
प्रेम आनंद
Buddha Prakash
अब तक मैं
अब तक मैं
gurudeenverma198
शब्दों को गुनगुनाने दें
शब्दों को गुनगुनाने दें
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
जिंदगी में किसी से अपनी तुलना मत करो
जिंदगी में किसी से अपनी तुलना मत करो
Swati
Loading...