Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2024 · 1 min read

“नदी की सिसकियाँ”

“नदी की सिसकियाँ”
राहगीरों के कण्ठ
कैसे तर करे,
दीन-दुखियों के दुःख
कैसे दूर करे,
नदी की सिसकियाँ
सुनता हूँ मैं,
उसकी हालत देखकर
घुलता हूँ मैं।

3 Likes · 3 Comments · 86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
श्याम के ही भरोसे
श्याम के ही भरोसे
Neeraj Mishra " नीर "
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
ओम के दोहे
ओम के दोहे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
छोटी- छोटी प्रस्तुतियों को भी लोग पढ़ते नहीं हैं, फिर फेसबूक
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - कह न पाया आदतन तो और कुछ - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मुद्दतों से तेरी आदत नहीं रही मुझको
मुद्दतों से तेरी आदत नहीं रही मुझको
Shweta Soni
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
हर एक मंजिल का अपना कहर निकला
कवि दीपक बवेजा
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
ज़िन्दगी में जो ताक़त बनकर आते हैं
Sonam Puneet Dubey
याद आते हैं
याद आते हैं
Juhi Grover
मेरा वजूद क्या है
मेरा वजूद क्या है
भरत कुमार सोलंकी
2893.*पूर्णिका*
2893.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
Rituraj shivem verma
सोचें सदा सकारात्मक
सोचें सदा सकारात्मक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ज़ब घिरा हों हृदय वेदना के अथाह समुन्द्र से
ज़ब घिरा हों हृदय वेदना के अथाह समुन्द्र से
पूर्वार्थ
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
क्यों गम करू यार की तुम मुझे सही नही मानती।
Ashwini sharma
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नेता जी
नेता जी "गीतिका"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
आंगन की किलकारी बेटी,
आंगन की किलकारी बेटी,
Vindhya Prakash Mishra
" गौरतलब "
Dr. Kishan tandon kranti
दिलरुबा जे रहे
दिलरुबा जे रहे
Shekhar Chandra Mitra
रूबरू।
रूबरू।
Taj Mohammad
हर रिश्ते को दीजिये,
हर रिश्ते को दीजिये,
sushil sarna
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
Raazzz Kumar (Reyansh)
तुम अगर साथ हो तो...
तुम अगर साथ हो तो...
TAMANNA BILASPURI
आह और वाह
आह और वाह
ओनिका सेतिया 'अनु '
न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ
न जमीन रखता हूँ न आसमान रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
डॉक्टर रागिनी
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
Loading...