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22 Nov 2019 · 1 min read

नजरिया-ए-नील पदम्

उगलो छिड़को कितना भी गरल,
ये स्वभाव मेरा पर है अविरल,
थक जाओगे तुम विष दे देकर,
मैं वही मिलूंगा फिर भी सहकर,
मन से निश्छल सपाट सरल ॥

@ नील पदम
०७-०३-२०१८

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 323 Views
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