Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

नई पीढ़ी

आज नई पीढ़ी के
बहुत से युवा
फॅंसते जा रहे हैं,
एक ऐसे जाल में
जिसे सुलझाना तो दूर
सुलझने के प्रयास में
उलझना हीं उलझना है।
उन्होंने पकड़ लिया है
नशे का दामन
जिसके आगोश में
जिंदगी की ऊष्मा कहाॅं?
सिर्फ एक छलना है।
पैसे की हवस ने
बना दिया है उन्हें
मशीन सिर्फ मशीन।
एक ऐसी मशीन
जिसे सिर्फ चलना है।
हृदय में है उनके
एक वीरान मरुस्थल
भावशून्य रेत का।
स्नेह का निर्झर
तो उनके लिए कल्पना है।
शामिल है वे सब
एक ऐसी दौड़ में
जिसमें एक क्षण के लिए
उनका रुकना, रुकना नहीं
उनका मरना है।
काश! समझ पाए वे
जिंदगी का अर्थ
प्रकृति का मर्म
मानवीय धर्म
अन्यथा यह जीवन
उनके लिए मृग मरीचिका है
और धीरे-धीरे उनके हाथ से
सब कुछ फिसलना है।

प्रतिभा आर्य
चेतन एनक्लेव
अलवर (राजस्थान)

Language: Hindi
2 Likes · 76 Views
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all

You may also like these posts

जगतजननी माँ दुर्गा
जगतजननी माँ दुर्गा
gurudeenverma198
■ आज का अनूठा शेर।
■ आज का अनूठा शेर।
*प्रणय*
जियो हजारों साल
जियो हजारों साल
Jatashankar Prajapati
हिंदी काव्य के छंद
हिंदी काव्य के छंद
मधुसूदन गौतम
मेरे   परीकल्पनाओं   की   परिणाम   हो  तुम
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
पूर्वार्थ
हालात से लड़ सकूं
हालात से लड़ सकूं
Chitra Bisht
मेरी कलम
मेरी कलम
Shekhar Chandra Mitra
#खोटे सिक्के
#खोटे सिक्के
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
अब न तुमसे बात होगी...
अब न तुमसे बात होगी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हिंदी पर कुण्डलिया छंद
हिंदी पर कुण्डलिया छंद
sushil sharma
पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
सत्य कुमार प्रेमी
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
...
...
Ravi Yadav
तुम्हारे इंतिज़ार में ........
तुम्हारे इंतिज़ार में ........
sushil sarna
दिव्य-दोहे
दिव्य-दोहे
Ramswaroop Dinkar
3183.*पूर्णिका*
3183.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य
सत्य
Ruchi Sharma
विजया घनाक्षरी
विजया घनाक्षरी
Godambari Negi
बँटवारे का दर्द
बँटवारे का दर्द
मनोज कर्ण
छंद
छंद
Avneesh Trivedi
भाषा और व्याकरण (Language and grammar)
भाषा और व्याकरण (Language and grammar)
Indu Singh
पत्रकार की कलम देख डरे
पत्रकार की कलम देख डरे
Neeraj Mishra " नीर "
"पहली बार"
Dr. Kishan tandon kranti
କେମିତି ଜୀବନ
କେମିତି ଜୀବନ
Otteri Selvakumar
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
SATPAL CHAUHAN
अमृतमयी प्रेम
अमृतमयी प्रेम
Nitin Kulkarni
भूल
भूल
Neeraj Agarwal
- बदलते ख्वाब -
- बदलते ख्वाब -
bharat gehlot
Loading...