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19 Dec 2022 · 1 min read

धुँधली तस्वीर

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
====================
धुँधली तस्वीर को भला
कौन यहाँ पर रखता है
नयी तस्वीर को दीवारों
में ही सजाना चाहता है
तस्वीर को बनानी है
तो इतिहास को पढ़ो
हृदय में यदि रहना है
तो उसके ही साथ चलो
जाति ,वर्ग, धर्म सारे
किसी में ना विभेद हो
नारी के सम्मान की बातें
नारों में ही ना लुप्त हो
राम को जब पूजते हैं
अल्लाह का भी नाम लो
चर्च में भी गॉड हैं
गुरुद्वारे का भी प्रसाद लो
त्याग दो सुख सुविधा
विश्राम का ना नाम लो
जब तक प्रजा को
मिलता ना काम हो
विनम्रता हो बोलने में
विपक्ष से हम सीखते है
रावण भी तो था पंडित
प्रभु राम भी बोलते थे
अभिव्यक्ति के अधिकार
को राम ने भी दिया था
धोबी के इल्जाम को प्रभुने
भी कबूल स्वयं किया था
आज उनकी तस्वीर हर
घर में लगायी जाती है
उनकी तस्वीर को प्रतिदिन
आरती दिखायी जाती है
धुँधली तस्वीर को भला
कौन यहाँ पर रखता है
नयी तस्वीर को दीवारों
में ही सजाना चाहता है !!
=====================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखंड
19.12.2022

Language: Hindi
Tag: कविता
46 Views
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