धरा
???धरा???
धरती माता कहे पुकार
मचा हुआ हे हा हा कार
काल का ये देख क्रूर रूप्
धरती भी थर्रा गई
देख के ये भयानक रूप
मानवता भी घबरा गई।
महादेव कालों के देव
गणपति भी हुये अधीर
धरा भी कहे मानुष से
धरे रहो तुम धीर।
ऐ वो पावन धरा हे जिसमेँ
कृष्ण हुऐ हनुमंत हुऐ
और हुऐ रघुवीर।
हे!मातृभूमि के वीर
रक्षा धरा कि करतें हैं
सरहद में बुरी नजर वालों पे
गोली से प्रहार करते हैं।
धरती माता धन्य हे
आँचल में सारा ब्रह्माण्ड समेटे है
तुमको करतेँ हैं बंदन बारम्बार
धरा चरणों में चढ़ाऊँ फूलों का हार।।
सुषमा सिंह