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22 Jan 2017 · 1 min read

धड़कना बंद करदे दिल,मुझे ऐसी सजा दे दो..!!

धड़कना बंद करदे दिल,मुझे ऐसी सजा दे दो..!!
***ग़ज़ल***

किसी की याद न आये,
मुझे ऐसी दुआ दे दो..!
कभी पूरी ना हो फरियाद,ऐसी बददुआ दे दो..!!

गया महबूब है मेरा,
अभी मुझसे ख़फा होकर,
धड़कना बंद करदे दिल,मुझे ऐसी सजा दे दो..!!

न मेरी बन्द हों आँखें,
न कोई ख्वाब मैं देखूँ,
ना मुझको नींद ही आये,कोई ऐसी दवा दे दो..!!

मोहब्बत को हमेशा ही,
इबादत हम समझते हैं,
ख़ता कोई ना हो मुझसे,खुदा ऐसी वफा दे दो..!!

कहीं हमदर्द ग़र ऐसा,
तुम्हारे जैसा मिल जाये,
करे “वीरान” को आबाद,जो उसका पता दे दो..!!
कॉपीराइट@यशवन्त”वीरान”

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