Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 2 min read

“द्रौपदी का चीरहरण”

परिणाम दुर्योधन के अपमान का,
किया पांचाली का चीरहरण ।
दुर्योधन को ना था आभास,
की हो जायेगा कौरवों का विनाश।

पांचाली कछ में कर रही थी श्रृंगार,
दुशाशन लोक लाज भूलकर किया प्रतिकार।
केश पकड़कर के लाया ,सभा हुआ शर्मसार,
पांचाली भी सरल नही ,किया उसने चीत्कार।

दुशाशन ने कहा,अब कौन लाज बचाएगा,
क्या जाने वो कृष्णा के ,कृष्णा दौड़ा आएगा।
थक गया फिर वो सारी को खींच खींच कर हारा था,
हे गोविंद ,हे केशव कहकर पांचाली ने पुकारा था।

केशव ने चीर बढ़ाकर लाज बचाई थी,
कृष्णा के इस माया से ,सभा मे मौन छाई थी।
हाथ जोड़कर खड़ी थी वो,
आंखों में आक्रोश था।

पांडव बचा रहे थे धर्म को,
उन्हें इस अधर्म में भी संतोष था।
जब तक मौन लीन रहेगा समाज,
क्या ऐसे नारी की लूटेगी लाज।

उठो शक्तिरूपा तुम खल सँहार करो,
पौरुषहीन पिशाचों पर वार करो।
सौंदर्य की मूर्ति,ज्वलंत ज्वाला रूप सी,
आर्यावर्त की एकमात्र,प्रज्ञा बन रूप सी।

नारी निजता के प्रश्न सी,शोषण के विद्रोह सी,
लहू बनकर बह गई,नारी की प्रतिशोध सी।
द्रोपदी का महान चरित्र,मन से थी पवित्र,
कृष्ण की इस कृष्णा का वेदना सी चित्र।

हरि अनंत, हरि कथा अनंत,
कहती जाए दुनिया सारी।
भक्त वत्सला लाज बचाए,
भक्तों के गिरधारी।

श्रापवश एक स्त्री पांच पतियों में बंट गई,
हरण हुआ था स्वाभिमान का,जो घटना घट गई।
जीवनगाथा मेरी एक क्रीड़ा में थी खड़ी,
हार गए पांडव,धर्म की बलि चढी।

ज्ञानी,गुणी जन और पितामह मौन ही तकते रहे,
कुलवधू के वस्त्रहरण के, प्रतिभागी बनते रहे।
लोभ ने एक परिवार को दो परिवार कर दिया,
सज्जनों का मौन ही कुल का काल बन गया।

द्रुपद की राजकुमारी के लिए
एक युद्व ठन गया,
द्रोपदी के चीरहरण से,
बन गया इतिहास।।

लेखिका:- एकता श्रीवास्तव ✍️
प्रयागराज

165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ekta chitrangini
View all

You may also like these posts

शरद ऋतु
शरद ऋतु
अवध किशोर 'अवधू'
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"कुटुंब विखंडन"
राकेश चौरसिया
रास्ते का फूल न बन पाई तो..
रास्ते का फूल न बन पाई तो..
Priya Maithil
सजल
सजल
seema sharma
समाप्त हो गई परीक्षा
समाप्त हो गई परीक्षा
Vansh Agarwal
" वजन "
Dr. Kishan tandon kranti
भोर समय में
भोर समय में
surenderpal vaidya
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
3894.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हम सबके सियाराम
हम सबके सियाराम
Sudhir srivastava
ढूँढू मैं तुम्हे कैसे और कहाँ ?
ढूँढू मैं तुम्हे कैसे और कहाँ ?
Abasaheb Sarjerao Mhaske
हां अब भी वह मेरा इंतजार करती होगी।
हां अब भी वह मेरा इंतजार करती होगी।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
sp, 136 मैं माइक का लाल
sp, 136 मैं माइक का लाल
Manoj Shrivastava
*परिस्थिति*
*परिस्थिति*
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
--पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
--पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
🙅सीधी-बात🙅
🙅सीधी-बात🙅
*प्रणय*
वो जो कहें
वो जो कहें
shabina. Naaz
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
रुपेश कुमार
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
रास्ते पर कांटे बिछे हो चाहे, अपनी मंजिल का पता हम जानते है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
छुपा छुपा सा रहता है
छुपा छुपा सा रहता है
हिमांशु Kulshrestha
“एक वक्त  ऐसा आता हैं,
“एक वक्त ऐसा आता हैं,
Neeraj kumar Soni
सत्य समझ
सत्य समझ
Rajesh Kumar Kaurav
पर्यावरण में मचती ये हलचल
पर्यावरण में मचती ये हलचल
Buddha Prakash
बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता
बहन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता
Ranjeet kumar patre
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
Rj Anand Prajapati
साँझे चूल्हों के नहीं ,
साँझे चूल्हों के नहीं ,
sushil sarna
Can I hold your hand- एक खूबसूरत एहसास
Can I hold your hand- एक खूबसूरत एहसास
komalagrawal750
बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी ,
बिखर गई INDIA की टीम बारी बारी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
फागुन होली
फागुन होली
Khaimsingh Saini
Loading...