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30 Dec 2023 · 1 min read

“दो पहलू”

“दो पहलू”
इस दुनिया में हर एक के दो पहलू होते हैं।
कभी दुःख तो कभी सुख का अनुभव होता है।
यहाँ रिश्ते भी दोनों तरफ से निभाने पड़ते है।
यहाँ न ही एक हाथ से ताली बजती है ।
और न ही रोटी एक तरफ से सेंकि जाती है।
……..✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

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