*दो गज दूरी नहीं रहेगी ( गीत )*

*दो गज दूरी नहीं रहेगी ( गीत )*
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मुख पर मास्क हमेशा दो गज दूरी नहीं रहेगी
( *1* )
जीतेगा विज्ञान आपदा एक दिवस हारेगी
जीवन जीने की इच्छा विष-अणु जड़ से मारेगी
नहीं मृत्यु के मुख में लाखों युवा वृद्ध जाएँगे
यह संसार निरापद फिर से वैसा ही पाएँगे
मिलने – जुलने पर फिर कुछ मजबूरी नहीं रहेगी
मुख पर मास्क हमेशा दो गज दूरी नहीं रहेगी
( *2* )
फिर बैठेंगे पास सभी दिल – भर के बात करेंगे
छू जाने से नहीं आदमी से इंसान डरेंगे
कंधे पर रख हाथ ,गले से लगा दुःख बाँटेंगे
शोक – सभा में जाकर गम की बदली फिर छाँटेंगे
धीरे – धीरे फिर यह बंदिश पूरी नहीं रहेगी
मुख पर मास्क हमेशा दो गज दूरी नहीं रहेगी
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*रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उत्तर प्रदेश)*
_मोबाइल 99976 15451_