Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2024 · 1 min read

दोहे ( 8)

दंगा करने वालो सुन लो, क्यों अपनी मति खराब करो।
घी मक्खन के खाने वालों, क्यों खाते मांस शराब फिरो।
मजदूरों ,मजलूमो ,पर क्यों , चाकू छुरी चलाते हो।
कालचक्र मे फंस कर अपना जीवन नरक बनाते हो।
जिसको ताकत कहते हो, वो ताकत तो कुछ ताकत ना।
ताकत देख कोरोना की ,जिसके सम्मुख कोई ताकत ना।
कोई जाति धर्म पर मान करे, कोई कहता है भगवान नही।
धर्म है बस ईशां होना और कोई धर्म ईमान नही।
सरकारें आती जाती है, इनसे क्यों भाव बनाते हो।
ये आपस मे लड़वाती हैं, क्यों कहने में लड़ जाते हो।
जब पडे़ मुसीबत आन कोई, भी नेता देता साथ नही ।
चन्द सिक्को के लालच में, कभी करो किसी से घात नही।
वक्त पडे़ पर सभी बदल जां, कोई रखता मेल नही।
मर जाओ फांसी खाकर ,या छोड़ेगी तुम्हे जेल नही।
सम्भलो अभी सुधर जाओ, हर किसी के साथ प्यार करो।
नर जीवन मिलना कठिन बडा़ , इसे गफलत मे ना ख्वारकरो।

56 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तू  फितरत ए  शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
🌹#तुम_मुझे_ढूंढ_लेना🌹
🌹#तुम_मुझे_ढूंढ_लेना🌹
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
जाग जाग हे परशुराम
जाग जाग हे परशुराम
उमा झा
ज़िंदगी  है  गीत  इसको  गुनगुनाना चाहिए
ज़िंदगी है गीत इसको गुनगुनाना चाहिए
Dr Archana Gupta
ज़िन्दगी तेरी बनना जायें कहीं,
ज़िन्दगी तेरी बनना जायें कहीं,
Dr fauzia Naseem shad
- मेरा कसूर -
- मेरा कसूर -
bharat gehlot
मनमर्जियों से घर नहीं चलता साहब!!
मनमर्जियों से घर नहीं चलता साहब!!
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ठंड को भी लग रही आजकल बहुत ठंड
ठंड को भी लग रही आजकल बहुत ठंड
Ram Krishan Rastogi
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै
Harminder Kaur
सैनिक की पत्नी की मल्हार
सैनिक की पत्नी की मल्हार
Dr.Pratibha Prakash
मैं ख़ुद डॉक्टर हूं
मैं ख़ुद डॉक्टर हूं" - यमुना
Bindesh kumar jha
बचपन
बचपन
Rekha khichi
*सुप्रभातम*
*सुप्रभातम*
*प्रणय*
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
कविता 10 🌸माँ की छवि 🌸
Mahima shukla
आज यादों की अलमारी खोली
आज यादों की अलमारी खोली
Rituraj shivem verma
उल्फत का दीप
उल्फत का दीप
SHAMA PARVEEN
जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
जब बचपन में स्कूल की कॉपी में Good या A मिलता था, उसकी ख़ुशी
Lokesh Sharma
सब तमाशा है ।
सब तमाशा है ।
Neelam Sharma
3501.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3501.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
यदि मेरी चाहत पे हकीकत का, इतना ही असर होता
यदि मेरी चाहत पे हकीकत का, इतना ही असर होता
Keshav kishor Kumar
जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता
जो हो इक बार वो हर बार हो ऐसा नहीं होता
पूर्वार्थ
खेल
खेल
राकेश पाठक कठारा
मन में
मन में
Rajesh Kumar Kaurav
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
Subhash Singhai
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर
कवि रमेशराज
निर्भय होकर कीजिए,
निर्भय होकर कीजिए,
sushil sarna
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
सच्चाई
सच्चाई
Rambali Mishra
राम
राम
Sanjay ' शून्य'
मन का चैन कमा न पाए
मन का चैन कमा न पाए
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
Loading...