Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2016 · 1 min read

दोहे

सब धर्मों से ही बडा देश प्रेम को मान

सोने की चिडिया बने भारत देश महान ।

शाम तुझे पुकार रही सखियाँ करें विलाप

पूछ रही रो रो सभी कहाँ शाम जी आप ।

दीप जलाये देखती रोज़ पिया की राह

साजन जब आये नही मन से निकले आह

\लिये चलो मन वावरे प्रभु मिलन की आस

छोड न उसका दर कभी बुझ जायेगी प्यास

तिनका तिनका जोड कर नीड बनाया आज

अब इसमे हर रोज़ ही बजें खुशी के साज

लूट लिया इस वक्त ने मेरे दिल का चैन

बिछुडे मीत मिले नही नीर बहें दिन रैन

इस जोगन को छोड कर कहाँ गये घनश्याम

तुझ दर्शन की प्यास मे ढूँढे चारों धाम

सुगन्ध देखो फूल की सब को रही सुहाय

सीरत हो इन्सान की फूल सा हो सुभाय

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 710 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

শত্রু
শত্রু
Otteri Selvakumar
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
Dr Archana Gupta
सुन रे कन्हैया
सुन रे कन्हैया
Dr.sima
सुनो, मैं सपने देख रहा हूँ
सुनो, मैं सपने देख रहा हूँ
Jitendra kumar
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अहंकार
अहंकार
Rambali Mishra
बदला मौसम मान
बदला मौसम मान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
नीव मजबूत नही होती अगर
नीव मजबूत नही होती अगर
Harinarayan Tanha
सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत
सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत
ललकार भारद्वाज
प्राणियों में आरोग्य प्रदान करने की पूर्ण शक्ति रखने वाला आं
प्राणियों में आरोग्य प्रदान करने की पूर्ण शक्ति रखने वाला आं
Shashi kala vyas
चल‌ मनवा चलें....!!!
चल‌ मनवा चलें....!!!
Kanchan Khanna
*पदयात्रा का मतलब (हास्य व्यंग्य)*
*पदयात्रा का मतलब (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
असली काम तो वह है जो आप खुद पर करते हैं।
असली काम तो वह है जो आप खुद पर करते हैं।
पूर्वार्थ
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
23/17.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/17.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
ग़ज़ल _गई अब वो गर्मी 🌹🌾
Neelofar Khan
बताओ कहां से शुरू करूं,
बताओ कहां से शुरू करूं,
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
होली में संग हो ली
होली में संग हो ली
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कौन सुनेगा बात हमारी
कौन सुनेगा बात हमारी
Surinder blackpen
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
सम्मान में किसी के झुकना अपमान नही होता
Kumar lalit
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
Anil chobisa
महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय
महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय
Indu Singh
गाँव अकेला गाँव अकेला।
गाँव अकेला गाँव अकेला।
Arun Prasad
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
वो तुम्हारी पसंद को अपना मानता है और
Rekha khichi
दुनिया की गाथा
दुनिया की गाथा
Anamika Tiwari 'annpurna '
जय माता दी -
जय माता दी -
Raju Gajbhiye
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
" पैगाम "
Dr. Kishan tandon kranti
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
सांसों का थम जाना ही मौत नहीं होता है
Ranjeet kumar patre
"मिलें बरसों बाद"
Pushpraj Anant
Loading...