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22 Aug 2016 · 1 min read

दोष यूँ देना

दोष यूँ देना आम है तेरा
पाठ पढाना भी आम है तेरा

रोशनियाँ जब बुझ चुकी है सब
अब सोना भी काम है तेरा

तू मय पिलाता कंजूसी से
गुलजार भी हर शाम है तेरा

सारे भटके आ जाओ वापस
करने को काम तमाम है तेरा

ऐसे क्यूँ भूला बैठा है तू
करना बाकीै इन्तजाम है तेरा

अब हो गई है देर तुझे बहुत
सँजने को बाकी काम है तेरा

बेखबर है पडोसियों से तू
फिर होगा देश गुलाम है तेरा

अकेले चला सरहद पे तू
हर शाम हुआ हराम है तेरा

हुआ मनमौजी हरामखोर तू
नाकाम हुआ मुकाम है तेरा

गया जब तू मयशाला को
बदनाम हुआ नाम है तेरा

तूने की करतूत कोई खास
मधु हुआ नाम बेनाम है तेरा

Language: Hindi
72 Likes · 544 Views
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Books from DR.MDHU TRIVEDI

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