Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2020 · 1 min read

देखा मिसाल दुनिया ने

संकल्प, इच्छाशक्ति की राशि विशाल दुनिया ने
एकता के हिंद की, देखा मिसाल दुनिया ने

विश्वास की परिधि ने हर मन को था घेरा हुआ
लग रहा था रात में कि, जैसे सवेरा हुआ
था हर तरफ प्रकाशमान दीप इतने जल उठे
बंद सारी बत्तियां थीं पर न अंधेरा हुआ
नौ मिनट में सदियों सा देखा कमाल दुनिया ने
एकता के हिंद की, देखा मिसाल दुनिया ने

नींद कोरोना की उडी़ , जागना होगा उसे
हिंद की पावन भूमि को त्यागना होगा उसे
सामने इस एकता के टिक नहीं सकेगा वो
शीघ्र ही भारत भूमि से भागना होगा उसे
महसूस किया दीप की लौ का उबाल दुनिया ने
एकता के हिंद की, देखा मिसाल दुनिया ने

विक्रम कुमार
मनोरा, वैशाली

Language: Hindi
Tag: गीत
381 Views

Books from विक्रम कुमार

You may also like:
उम्र हो गई छप्पन
उम्र हो गई छप्पन
Surinder blackpen
“जिंदगी अधूरी है जब हॉबबिओं से दूरी है”
“जिंदगी अधूरी है जब हॉबबिओं से दूरी है”
DrLakshman Jha Parimal
तेरे दिल को मैं छुआ करूं
तेरे दिल को मैं छुआ करूं
Dr fauzia Naseem shad
रोशन
रोशन
अंजनीत निज्जर
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चांदनी मेहकी है फूल ख़िले हैँ
चांदनी मेहकी है फूल ख़िले हैँ
Dr Rajiv
माँ की यादें...
माँ की यादें...
मनोज कर्ण
सजना सिन्होरवाँ सुघर रहे, रहे बनल मोर अहिवात।
सजना सिन्होरवाँ सुघर रहे, रहे बनल मोर अहिवात।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अर्बन नक्सल
अर्बन नक्सल
Shekhar Chandra Mitra
दोष दृष्टि क्या है ?
दोष दृष्टि क्या है ?
Shivkumar Bilagrami
चित्र गुप्त पूजा
चित्र गुप्त पूजा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
अमित मिश्र
Kabhi kabhi
Kabhi kabhi
Vandana maurya
"आधुनिकता का परछावा"
MSW Sunil SainiCENA
रिश्तों को साधने में बहुत टूटते रहे
रिश्तों को साधने में बहुत टूटते रहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं भारत हूँ
मैं भारत हूँ
RAJA KUMAR 'CHOURASIA'
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
कवि दीपक बवेजा
■ टिप्पणी / शब्द संकेत
■ टिप्पणी / शब्द संकेत
*Author प्रणय प्रभात*
सच और हकीकत
सच और हकीकत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
वृद्ध (कुंडलिया)
वृद्ध (कुंडलिया)
Ravi Prakash
The Little stars!
The Little stars!
Buddha Prakash
रुकना हमारा कर्म नहीं
रुकना हमारा कर्म नहीं
AMRESH KUMAR VERMA
सिर्फ टी डी एस काट के!
सिर्फ टी डी एस काट के!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
धोखे से मारा गद्दारों,
धोखे से मारा गद्दारों,
Satish Srijan
अहा! लखनऊ के क्या कहने!
अहा! लखनऊ के क्या कहने!
Rashmi Sanjay
जो पहली ही ठोकर में यहाँ लड़खड़ा गये
जो पहली ही ठोकर में यहाँ लड़खड़ा गये
'अशांत' शेखर
साजिशें ही साजिशें...
साजिशें ही साजिशें...
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐अज्ञात के प्रति-74💐
💐अज्ञात के प्रति-74💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हसरतें
हसरतें
Deepak Kumar Srivastava नील पदम्
पहाड़ का अस्तित्व - पहाड़ की नारी
पहाड़ का अस्तित्व - पहाड़ की नारी
श्याम सिंह बिष्ट
Loading...