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25 Apr 2020 · 1 min read

दूभर काँधे चार

कोरोना ने कर दिया, ..ऐसा बंटाधार ।
अर्थी को भी हो गये,दूभर काँधे चार ।।

वक्त वक्त की बात है,चले वक्त जब चाल ।
रहते थे गतिशील जो, बैठे आज निढाल।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
Tag: दोहा
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