Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2024 · 1 min read

दुश्मन ने छल-बल के बूते अपनी शातिर चालों से,

दुश्मन ने छल-बल के बूते अपनी शातिर चालों से,
रचा कथानक कायरता का उलट-पलट के मोड़ गए।
असली छप्पन इंची वो थे, गाढ़ तिरंगा चोटी पे।
मां की जय का सिंहनाद कर इस दुनिया को छोड़ गए।।
😘प्रणय प्रभात😘

2 Likes · 39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
घर वापसी
घर वापसी
Aman Sinha
दिखावे के दान का
दिखावे के दान का
Dr fauzia Naseem shad
जीभ/जिह्वा
जीभ/जिह्वा
लक्ष्मी सिंह
122 122 122 12
122 122 122 12
SZUBAIR KHAN KHAN
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई  लिखता है
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
Shweta Soni
मेरी गोद में सो जाओ
मेरी गोद में सो जाओ
Buddha Prakash
23/197. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/197. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)*
*सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)*
Ravi Prakash
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
समझ ना पाया अरमान पिता के कद्र न की जज़्बातों की
समझ ना पाया अरमान पिता के कद्र न की जज़्बातों की
VINOD CHAUHAN
ज़िंदगी - एक सवाल
ज़िंदगी - एक सवाल
Shyam Sundar Subramanian
**नेकी की राह पर तू चल सदा**
**नेकी की राह पर तू चल सदा**
Kavita Chouhan
तरक्की से तकलीफ
तरक्की से तकलीफ
शेखर सिंह
श्राद्ध
श्राद्ध
Mukesh Kumar Sonkar
*जश्न अपना और पराया*
*जश्न अपना और पराया*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
आनेवाला अगला पल कौन सा ग़म दे जाए...
आनेवाला अगला पल कौन सा ग़म दे जाए...
Ajit Kumar "Karn"
जिंदगी में कुछ कदम ऐसे होते हैं जिन्हे उठाते हुए हमें तकलीफ
जिंदगी में कुछ कदम ऐसे होते हैं जिन्हे उठाते हुए हमें तकलीफ
jogendar Singh
"ना भूलें"
Dr. Kishan tandon kranti
माया का संसार है,
माया का संसार है,
sushil sarna
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
आँखों में सुरमा, जब लगातीं हों तुम
The_dk_poetry
मीठे बोल
मीठे बोल
Sanjay ' शून्य'
ज़िंदगी  ने  अब  मुस्कुराना  छोड़  दिया  है
ज़िंदगी ने अब मुस्कुराना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
बदनाम गली थी
बदनाम गली थी
Anil chobisa
■ सतनाम वाहे गुरु सतनाम जी।।
■ सतनाम वाहे गुरु सतनाम जी।।
*प्रणय प्रभात*
तिरा चेहरा भी रुखसत हो रहा है जहन से,
तिरा चेहरा भी रुखसत हो रहा है जहन से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ,  तो इस कविता के भावार
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ, तो इस कविता के भावार
Chaahat
मैं लिखूंगा तुम्हें
मैं लिखूंगा तुम्हें
हिमांशु Kulshrestha
*दो नैन-नशीले नशियाये*
*दो नैन-नशीले नशियाये*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...