Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 1 min read

दुर्गा माँ

हर बरस चली आती मेरी दुर्गा माँ
कष्ट सभी हर के जाती है दुर्गा माँ
जोड़े हाथ तुझे हर बार पुकारूँ मैं
छोड़ सभी धाम चली आए दुर्गा माँ

Language: Hindi
72 Likes · 396 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
हे सड़क तुम्हें प्रणाम
हे सड़क तुम्हें प्रणाम
मानक लाल मनु
जय माँ कालरात्रि 🙏
जय माँ कालरात्रि 🙏
डॉ.सीमा अग्रवाल
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
गरूर मंजिलों का जब खट्टा पड़ गया
कवि दीपक बवेजा
ये बारिश का मौसम
ये बारिश का मौसम
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी तेरी किताब में
ज़िंदगी तेरी किताब में
Dr fauzia Naseem shad
कृपा करें त्रिपुरारी
कृपा करें त्रिपुरारी
Satish Srijan
शिक्षक जब बालक को शिक्षा देता है।
शिक्षक जब बालक को शिक्षा देता है।
Kr. Praval Pratap Singh Rana
हीरक जयंती 
हीरक जयंती 
Punam Pande
लर्जिश बड़ी है जुबान -ए -मोहब्बत में अब तो
लर्जिश बड़ी है जुबान -ए -मोहब्बत में अब तो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
✴️⛅बादल में भी देखा तुम्हें आज⛅✴️
✴️⛅बादल में भी देखा तुम्हें आज⛅✴️
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हाजीपुर
हाजीपुर
Hajipur
मेरा तोता
मेरा तोता
Kanchan Khanna
शीर्षक :- आजकल के लोग
शीर्षक :- आजकल के लोग
Nitish Nirala
रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
प्रेमदास वसु सुरेखा
2386.पूर्णिका
2386.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कहानी
कहानी
Pakhi Jain
प्यार
प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तेरे बिन
तेरे बिन
Harshvardhan "आवारा"
शिवा कहे,
शिवा कहे, "शिव" की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।
SPK Sachin Lodhi
Impossible means :-- I'm possible
Impossible means :-- I'm possible
Naresh Kumar Jangir
*कंधों में अब दम ही कब है, अर्थी कैसे ढोयेंगे (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*कंधों में अब दम ही कब है, अर्थी कैसे ढोयेंगे (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
वर्षा की बूँद
वर्षा की बूँद
Aditya Prakash
दो कदम लक्ष्य की ओर लेकर चलें।
दो कदम लक्ष्य की ओर लेकर चलें।
surenderpal vaidya
ज़िन्दगी के सफर में राहों का मिलना निरंतर,
ज़िन्दगी के सफर में राहों का मिलना निरंतर,
Sahil Ahmad
माँ
माँ
श्याम सिंह बिष्ट
मौसम बेईमान है – प्रेम रस
मौसम बेईमान है – प्रेम रस
Amit Pathak
"कोरोना बम से ज़्यादा दोषी हैं दस्ता,
*Author प्रणय प्रभात*
दोस्त हो तो ऐसा
दोस्त हो तो ऐसा
Anamika Singh
धन्यवाद कोरोना
धन्यवाद कोरोना
Arti Bhadauria
Loading...