Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2023 · 1 min read

*दुबका लिहाफ में पड़ा हुआ (घनाक्षरी)*

*दुबका लिहाफ में पड़ा हुआ (घनाक्षरी)*
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
कोई-कोई घर से ही निकला नहीं है अभी
कोई-कोई दुबका लिहाफ में पड़ा हुआ
कोई-कोई ताप रहा हीटर-अँगीठी रखे
शीत लहर के जाल ही में जकड़ा हुआ
कोई-कोई शॉल इस तरह लपेटे हुए
राह पर मुर्दा हो जैसे अकड़ा हुआ
मौसम का रंग बदरंग हुआ इस भाँति
मानो काल-पाश जगत को पकड़ा हुआ
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
*रचयिता: रवि प्रकाश,बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उ.प्र.) मो.9997615451*

40 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
मुसाफिर हो तुम भी
मुसाफिर हो तुम भी
Satish Srijan
***
*** " ओ मीत मेरे.....!!! " ***
VEDANTA PATEL
💐अज्ञात के प्रति-144💐
💐अज्ञात के प्रति-144💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Ye din to beet jata hai tumhare bina,
Ye din to beet jata hai tumhare bina,
Sakshi Tripathi
*रक्तदान*
*रक्तदान*
Dushyant Kumar
कल भी वही समस्या थी ,
कल भी वही समस्या थी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात (कुंडलिया)
मक्खनबाजी में सदा , रहो बंधु निष्णात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
इश्क़
इश्क़
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
भूखे भेड़िये हैं वो,
भूखे भेड़िये हैं वो,
Maroof aalam
कमी मेरी तेरे दिल को
कमी मेरी तेरे दिल को
Dr fauzia Naseem shad
वीरगति
वीरगति
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
ज़िंदगी अगर आसान होती🍀
ज़िंदगी अगर आसान होती🍀
Skanda Joshi
बरसात (विरह)
बरसात (विरह)
लक्ष्मी सिंह
रात हुई गहरी
रात हुई गहरी
Kavita Chouhan
गीत प्रतियोगिता के लिए
गीत प्रतियोगिता के लिए
Manisha joshi mani
कभी
कभी
Ranjana Verma
मेंहदी दा बूटा
मेंहदी दा बूटा
Surinder blackpen
लहज़ा गुलाब सा है, बातें क़माल हैं
लहज़ा गुलाब सा है, बातें क़माल हैं
Dr. Rashmi Jha
हर सुबह उठकर अपने सपनों का पीछा करना ही हमारा वास्तविक प्रेम
हर सुबह उठकर अपने सपनों का पीछा करना ही हमारा वास्तविक प्रेम
Shubham Pandey (S P)
होली
होली
Manu Vashistha
everyone says- let it be the defect of your luck, be forget
everyone says- let it be the defect of your luck, be forget
Ankita Patel
दुख भोगने वाला तो कल सुखी हो जायेगा पर दुख देने वाला निश्चित
दुख भोगने वाला तो कल सुखी हो जायेगा पर दुख देने वाला निश्चित
dks.lhp
दोहा-*
दोहा-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
प्रदीप कुमार गुप्ता
ये दिल
ये दिल
shabina. Naaz
प्रोत्साहन
प्रोत्साहन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सरकार
सरकार "सीटों" से बनती है
*Author प्रणय प्रभात*
ज़ुल्मत की रात
ज़ुल्मत की रात
Shekhar Chandra Mitra
Chubhti hai bate es jamane ki
Chubhti hai bate es jamane ki
Sadhna Ojha
201…. देवी स्तुति (पंचचामर छंद)
201…. देवी स्तुति (पंचचामर छंद)
Rambali Mishra
Loading...