Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2021 · 1 min read

दुनिया में कत्लेआम देख, खुदा ने ये कहा

दुनिया में कत्लेआम देख, खुदा ने ये कहा
क्यों हैवान बन गया है, जाता नहीं सहा
क्यों नाम पर तू मेरे, कत्लेआम कर रहा
आमाल है शैतान सा, इंसान ना रहा
कहते हो तुम खुदा ने, बनाई हर चीज है
जो कुछ है जहां में, खुदा का ही बीज है
क्यों बन गए हो दुश्मन, इंसानी जान के
क्यों रेतते गला हो, काफिर के नाम से
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
1 Like · 2 Comments · 134 Views

Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी

You may also like:
लक्ष्मी बाई [एक अमर कहानी]
लक्ष्मी बाई [एक अमर कहानी]
Dheerendra Panchal
प्रेम गीत पर नृत्य करें सब
प्रेम गीत पर नृत्य करें सब
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आपकी कशिश
आपकी कशिश
Surya Barman
11कथा राम भगवान की, सुनो लगाकर ध्यान
11कथा राम भगवान की, सुनो लगाकर ध्यान
Dr Archana Gupta
#एकअबोधबालक
#एकअबोधबालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अपने किसी पद का तू
अपने किसी पद का तू
gurudeenverma198
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली
रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली
Vindhya Prakash Mishra
"नया अवतार"
Dr. Kishan tandon kranti
इबादत अपनी
इबादत अपनी
Satish Srijan
💐अज्ञात के प्रति-12💐
💐अज्ञात के प्रति-12💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रभु की शरण
प्रभु की शरण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बैठ पास तू पहलू में मेरे।
बैठ पास तू पहलू में मेरे।
Taj Mohammad
■ सामयिक आलेख
■ सामयिक आलेख
*Author प्रणय प्रभात*
मुक्तक
मुक्तक
Er.Navaneet R Shandily
" मँगलमय नव-वर्ष 2023 "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
साथ आया हो जो एक फरिश्ता बनकर
साथ आया हो जो एक फरिश्ता बनकर
कवि दीपक बवेजा
हिंदी दोहा- बचपन
हिंदी दोहा- बचपन
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
निर्मोही
निर्मोही
Shekhar Chandra Mitra
रुकना हमारा कर्म नहीं
रुकना हमारा कर्म नहीं
AMRESH KUMAR VERMA
✍️गूगल है...
✍️गूगल है...
'अशांत' शेखर
जी लगाकर ही सदा,
जी लगाकर ही सदा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नन्ही भव्या
नन्ही भव्या
Shyam kumar kolare
*कुछ भूल मैं जाता रहा(हिंदी गजल/गीतिका)*
*कुछ भूल मैं जाता रहा(हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
**अनहद नाद**
**अनहद नाद**
मनोज कर्ण
कला
कला
Saraswati Bajpai
लोग आपन त सभे कहाते नू बा
लोग आपन त सभे कहाते नू बा
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य'
गुज़रा है वक़्त लेकिन
गुज़रा है वक़्त लेकिन
Dr fauzia Naseem shad
परिस्थिति का मैं मारा हूं, बेचारा मत समझ लेना।
परिस्थिति का मैं मारा हूं, बेचारा मत समझ लेना।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी की धुंध में कुछ भी नुमाया नहीं।
जिंदगी की धुंध में कुछ भी नुमाया नहीं।
Surinder blackpen
Loading...