Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2023 · 1 min read

दुनिया भी तो पुल-e सरात है

दुनिया भी तो पुल-e सरात है
चाहो तो नोकिया कर के
जिंदगी जन्नत बना लो
चाहो तो बदी कर के
जिंदगी जहन्नुम कर लो

1 Like · 50 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from shabina. Naaz

You may also like:
👉 ताज़ा ग़ज़ल :--
👉 ताज़ा ग़ज़ल :--
*Author प्रणय प्रभात*
फूल और खंजर
फूल और खंजर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैं उसके इंतजार में नहीं रहता हूं
मैं उसके इंतजार में नहीं रहता हूं
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी एक किराये का घर है।
जिंदगी एक किराये का घर है।
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
"विचित्र संसार"
Dr. Kishan tandon kranti
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उलझनें
उलझनें
Shashi kala vyas
बेटियां!दोपहर की झपकी सी
बेटियां!दोपहर की झपकी सी
Manu Vashistha
कितनी खास हो तुम
कितनी खास हो तुम
आकांक्षा राय
शहीद दिवस पर शहीदों को सत सत नमन 🙏🙏🙏
शहीद दिवस पर शहीदों को सत सत नमन 🙏🙏🙏
Prabhu Nath Chaturvedi
कैसे कह दूं पंडित हूँ
कैसे कह दूं पंडित हूँ
Satish Srijan
इंतजार करना है।
इंतजार करना है।
Anil chobisa
भगवान की तलाश में इंसान
भगवान की तलाश में इंसान
Ram Krishan Rastogi
"विचित्रे खलु संसारे नास्ति किञ्चिन्निरर्थकम् ।
Mukul Koushik
जिद कहो या आदत क्या फर्क,
जिद कहो या आदत क्या फर्क,"रत्न"को
गुप्तरत्न
*नहीं चाहता जन्म मरण का, फिर इस जग में फेरा 【भक्ति-गीत】*
*नहीं चाहता जन्म मरण का, फिर इस जग में फेरा 【भक्ति-गीत】*
Ravi Prakash
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
राह भटके हुए राही को, सही राह, राहगीर ही बता सकता है, राही न
जय लगन कुमार हैप्पी
💐अज्ञात के प्रति-93💐
💐अज्ञात के प्रति-93💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हिंदी जन-जन की भाषा
हिंदी जन-जन की भाषा
Dr. Sunita Singh
पीताम्बरी आभा
पीताम्बरी आभा
manisha
आई होली झूम के
आई होली झूम के
जगदीश लववंशी
तितली थी मैं
तितली थी मैं
Saraswati Bajpai
मन से मन को मिलाओ सनम।
मन से मन को मिलाओ सनम।
umesh mehra
अनजान लड़का
अनजान लड़का
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मंद मंद बहती हवा
मंद मंद बहती हवा
Soni Gupta
2317.पूर्णिका
2317.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
माना के वो वहम था,
माना के वो वहम था,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
किसी शायर का ख़्वाब
किसी शायर का ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
Saso ke dayre khuch is kadar simat kr rah gye
Saso ke dayre khuch is kadar simat kr rah gye
Sakshi Tripathi
मजबूरी तो नहीं
मजबूरी तो नहीं
Mahesh Tiwari 'Ayen'
Loading...