Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2024 · 1 min read

दुनिया की यही यही हकीकत है जिसके लिए आप हर वक्त मौजूद रहते ह

दुनिया की यही यही हकीकत है जिसके लिए आप हर वक्त मौजूद रहते हो उसके पास आपके लिए वक्त ही नही होता
RJ Anand Prajapati

29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
रंग रहे उमंग रहे और आपका संग रहे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
सच के साथ ही जीना सीखा सच के साथ ही मरना
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कोई चीज़ मैंने तेरे पास अमानत रखी है,
कोई चीज़ मैंने तेरे पास अमानत रखी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय प्रभात*
मैं अपना यौवन देता हूँ !
मैं अपना यौवन देता हूँ !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
पिछले पन्ने 4
पिछले पन्ने 4
Paras Nath Jha
4546.*पूर्णिका*
4546.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिटूनिया
पिटूनिया
अनिल मिश्र
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।।
Kuldeep mishra (KD)
अर्थ शब्दों के. (कविता)
अर्थ शब्दों के. (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
आज दिवाकर शान से,
आज दिवाकर शान से,
sushil sarna
" अंधेरी रातें "
Yogendra Chaturwedi
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
कवि रमेशराज
अगर मन वचन और कर्मों में मर्यादा न हो तो
अगर मन वचन और कर्मों में मर्यादा न हो तो
Sonam Puneet Dubey
" बादल या नैना बरसे "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कॉटेज हाउस
कॉटेज हाउस
Otteri Selvakumar
जिसको चाहा है उम्र भर हमने..
जिसको चाहा है उम्र भर हमने..
Shweta Soni
*सोचो वह याद करो शिक्षक, जिससे थे कभी गढ़े हम थे (राधेश्यामी
*सोचो वह याद करो शिक्षक, जिससे थे कभी गढ़े हम थे (राधेश्यामी
Ravi Prakash
Lonely is just a word which can't make you so,
Lonely is just a word which can't make you so,
Chaahat
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
संवेदना
संवेदना
Neeraj Agarwal
" सब्र "
Dr. Kishan tandon kranti
राह हमारे विद्यालय की
राह हमारे विद्यालय की
bhandari lokesh
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Preschool Franchise in India - Alphabetz
Preschool Franchise in India - Alphabetz
Alphabetz
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
शेखर सिंह
बद्रीनाथ के पुजारी क्यों बनाते हैं स्त्री का वेश
बद्रीनाथ के पुजारी क्यों बनाते हैं स्त्री का वेश
Rakshita Bora
दोस्ती क्या है
दोस्ती क्या है
VINOD CHAUHAN
Holding onto someone who doesn't want to stay is the worst h
Holding onto someone who doesn't want to stay is the worst h
पूर्वार्थ
महिला दिवस
महिला दिवस
Dr.Pratibha Prakash
Loading...