Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2023 · 1 min read

#दीनता_की_कहानी_कहूँ_और_क्या….!!

#दीनता_की_कहानी_कहूँ_और_क्या….!!
______________________________________________
तृप्त होती नहीं है क्षुधा की अगन,
सच्चिदानंद भी तो बुलाते नहीं।
दीनता की कहानी कहूँ और क्या,
अश्रु सूखे नयन के रूलाते नहीं।।

नित्य खण्डित हृदय के शिलालेख पर,
भावनाओं की मूरत गढ़े जा रहे।
भाग्य की ठोकरों से अहर्निश विकल,
सद्य बोझिल हृदय से बढ़े जा रहे।
वेदनाएं बनी प्रेयसी दीन की,
हर्ष के गीत हम गुनगुनाते नहीं।

दीनता की कहानी कहूँ और क्या,
अश्रु सूखे नयन के रूलाते नहीं।।

मृत्यु की देहरी पर खड़े हैं शिथिल,
आंकलन भाग्य का क्या करें आज हम।
यंत्रणा की पिछौरी में लिपटे हुए,
संकलन भाग्य का क्या करें आज हम।
दु:ख दारुण लिए वक्ष में चल रहे,
पर व्यथा की कहानी सुनाते नहीं।

दीनता की कहानी कहूँ और क्या,
अश्रु सूखे नयन के रूलाते नहीं।।

✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’

1 Like · 108 Views

Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'

You may also like:
उम्र निकलती है जिसके होने में
उम्र निकलती है जिसके होने में
Anil Mishra Prahari
2244.
2244.
Dr.Khedu Bharti
दस्ताने
दस्ताने
Seema gupta,Alwar
The bestest education one can deliver is  humanity and achie
The bestest education one can deliver is humanity and achie
Nupur Pathak
अपनी सीमाओं को लान्गां तो खुद को बड़ा पाया
अपनी सीमाओं को लान्गां तो खुद को बड़ा पाया
कवि दीपक बवेजा
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
करो कुछ मेहरबानी यूँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
तुझमें वह कशिश है
तुझमें वह कशिश है
gurudeenverma198
लोग जाम पीना सीखते हैं
लोग जाम पीना सीखते हैं
Satish Srijan
सफलता और सुख  का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
सफलता और सुख का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
Leena Anand
जैसी नीयत, वैसी बरकत! ये सिर्फ एक लोकोक्ति ही नहीं है, ब्रह्
जैसी नीयत, वैसी बरकत! ये सिर्फ एक लोकोक्ति ही नहीं है, ब्रह्
विमला महरिया मौज
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मानव छंद , विधान और विधाएं
मानव छंद , विधान और विधाएं
Subhash Singhai
ग़ज़ल _ मिरी #मैयत पे  रोने मे.....
ग़ज़ल _ मिरी #मैयत पे  रोने मे.....
शायर देव मेहरानियां
💐प्रेम कौतुक-286💐
💐प्रेम कौतुक-286💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
" मित्रता का सम्मान “
DrLakshman Jha Parimal
समँदर को यकीं है के लहरें लौटकर आती है
समँदर को यकीं है के लहरें लौटकर आती है
'अशांत' शेखर
मेरी कलम
मेरी कलम
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’
राम है अमोघ शक्ति
राम है अमोघ शक्ति
Kaushal Kumar Pandey आस
मेरे पूर्ण मे आधा व आधे मे पुर्ण अहसास हो
मेरे पूर्ण मे आधा व आधे मे पुर्ण अहसास हो
Anil chobisa
होली के रंग
होली के रंग
Anju ( Ojhal )
बिडम्बना
बिडम्बना
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*समता भरी कहानी (मुक्तक)*
*समता भरी कहानी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दिल में उम्मीदों का चराग़ लिए
दिल में उम्मीदों का चराग़ लिए
_सुलेखा.
माँ
माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
पाया तो तुझे, बूंद सा भी नहीं..
Vishal babu (vishu)
आरंभ और अंत
आरंभ और अंत
Dr. Rajiv
"नहीं मिलता"
Dr. Kishan tandon kranti
#देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!!
#देकर_दगा_सभी_को_नित_खा_रहे_मलाई......!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अकेला चांद
अकेला चांद
Surinder blackpen
Loading...