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24 Oct 2022 · 1 min read

दिवाली पर एक गरीब की इच्छा

बनाकर दीये मिट्टी के,जरा सी आस पाली है।
मेरी मेहनत को खरीदो,मेरे घर भी दिवाली है।।

करता हूं मेहनत मै ,मुझे उसी का फल मिल जाए।
कुछ ऐसा भी करो,मेरे घर में भी चूल्हा जल जाए।।

बांटते रहते हो मिठाई,अपने ही तुम रिश्तेदारों में।
कुछ मिठाई उनकी बांटो,जो सोए है अंधियारों में।।

खरीद कर विदेशी चीजे,देश को चौपट कर दिया।
अपना देश खाली करके,विदेशो में ही भर दिया।।

जला रहे हैं दीए सब घर में,मेरे घर भी दीए जल जाए।
मेरा सामान भी खरीद लो,मेरी भी दिवाली मन जाए।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 4 Comments · 151 Views

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