Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2023 · 1 min read

दिल से दिल तो टकराया कर

कौन कहता है, हाथ से हाथ मिलाया कर,
हाथ न सही दिल से दिल तो टकराया कर।

छत की धूप मायूस होकर लौट जाती है,
छत पर जाके कपड़े कभी तो सुखाया कर।

भले ही उससे सामने होकर बात मत कर,
फोन पे ही अपने अहसास तो जताया कर।

ख़ुद को अब किसी से इतना भी न बचा,
कम से कम बारिश में तू भीग तो जाया कर।

कोई नहीं लाएगा आस्माँ से तारे तोड़कर,
खुद को भी तू कभी तो जगमगाया कर।

कभी तो काम ले इन सुर्ख गुलाबी होठों से,
बात करते समय कभी तो मुस्कराया कर।

रस्तोगी कहे कभी तो दीदार हो तेरे हुस्न का,
बस इस चेहरे से तू पर्दा कभी तो उठाया कर।

आर के रस्तोगी, गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 468 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
पेश आना अब अदब से।
पेश आना अब अदब से।
Taj Mohammad
उदासियाँ  भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
उदासियाँ भरे स्याह, साये से घिर रही हूँ मैं
_सुलेखा.
मुझसे मेरा हाल न पूछे
मुझसे मेरा हाल न पूछे
Shiva Awasthi
शायरी
शायरी
डॉ मनीष सिंह राजवंशी
“पिया” तुम बिन
“पिया” तुम बिन
DESH RAJ
उम्र का लिहाज
उम्र का लिहाज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
शिव का सरासन  तोड़  रक्षक हैं  बने  श्रित मान की।
शिव का सरासन तोड़ रक्षक हैं बने श्रित मान की।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
एक समय बेकार पड़ा था
एक समय बेकार पड़ा था
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
2483.पूर्णिका
2483.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अपने सुख के लिए, दूसरों को कष्ट देना,सही मनुष्य पर दोषारोपण
अपने सुख के लिए, दूसरों को कष्ट देना,सही मनुष्य पर दोषारोपण
विमला महरिया मौज
** मन मिलन **
** मन मिलन **
surenderpal vaidya
कान में रुई डाले
कान में रुई डाले
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मोर
मोर
Manu Vashistha
थकते नहीं हो क्या
थकते नहीं हो क्या
सूर्यकांत द्विवेदी
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Mahender Singh
💐प्रेम कौतुक-391💐
💐प्रेम कौतुक-391💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
याद आते हैं वो
याद आते हैं वो
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
धरा कठोर भले हो कितनी,
धरा कठोर भले हो कितनी,
Satish Srijan
बहता पानी
बहता पानी
साहिल
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
🍀🌺🍀🌺🍀🌺🍀🌺🍀🌺🍀🍀🌺🍀🌺🍀
🍀🌺🍀🌺🍀🌺🍀🌺🍀🌺🍀🍀🌺🍀🌺🍀
subhash Rahat Barelvi
" रब की कलाकृति "
Dr Meenu Poonia
उपहार
उपहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
और भी हैं !!
और भी हैं !!
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*
*"ममता"* पार्ट-4
Radhakishan R. Mundhra
श्री विध्नेश्वर
श्री विध्नेश्वर
Shashi kala vyas
■ आज की खोज-बीन...
■ आज की खोज-बीन...
*Author प्रणय प्रभात*
अखंड भारतवर्ष
अखंड भारतवर्ष
Bodhisatva kastooriya
कहां छुपाऊं तुम्हें
कहां छुपाऊं तुम्हें
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*शंकर जी (बाल कविता)*
*शंकर जी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Loading...