Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2016 · 1 min read

दिल मेरा टूटा उसी पर घात हो गई

कोई पूछे हमसे के क्या बात हो गई
दिल मेरा टूटा उसी पर घात हो गई

घाटी में हो गई मौत बेगुनाहों की सभी
अय खुदा ये कैसी वहाँ कयानात हो गई

गेंशूँओं में तेरे ही उलझे इस कदर
हमें न होश रहा दिन हुआ के रात हो गई

गुलजार हो गई महफ़िल आपके आने से
उफ् ये अदा आपकी और कायनात हो गई

लबो से लबो की बात कोई हुई ना कभी
बस आँखों ही आँखों में दिल की बात हो गई

आँखों ही आँखों में गुज़र जाती ये रात
कँवल की तो तन्हा सी हर रात हो गई
बबीता अग्रवाल #कँवल

1 Like · 408 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from बबीता अग्रवाल #कँवल
View all
You may also like:
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
गुजारे गए कुछ खुशी के पल,
Arun B Jain
✍️मिसाले✍️
✍️मिसाले✍️
'अशांत' शेखर
इंडियन टाइम
इंडियन टाइम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
देख करके फूल उनको
देख करके फूल उनको
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
पुलवामा अटैक
पुलवामा अटैक
Surinder blackpen
कहते हैं,
कहते हैं,
Dhriti Mishra
ईनाम
ईनाम
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कुनमुनी नींदे!!
कुनमुनी नींदे!!
Dr. Nisha Mathur
2483.पूर्णिका
2483.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
रूप जिसका आयतन है, नेत्र जिसका लोक है
रूप जिसका आयतन है, नेत्र जिसका लोक है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पूजा
पूजा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*आस्था*
*आस्था*
Dushyant Kumar
💐अज्ञात के प्रति-63💐
💐अज्ञात के प्रति-63💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
युगों    पुरानी    कथा   है, सम्मुख  करें व्यान।
युगों पुरानी कथा है, सम्मुख करें व्यान।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
माली अकेला क्या करे ?,
माली अकेला क्या करे ?,
ओनिका सेतिया 'अनु '
🍃🌾🌾
🍃🌾🌾
Manoj Kushwaha PS
अपना मुकदमा
अपना मुकदमा
Yash Tanha Shayar Hu
"लघु कृषक की व्यथा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पटेबाज़
पटेबाज़
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
फ़साना-ए-उल्फ़त सुनाते सुनाते
फ़साना-ए-उल्फ़त सुनाते सुनाते
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हमने हंसना चाहा।
हमने हंसना चाहा।
Taj Mohammad
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
काली सी बदरिया छाई रे
काली सी बदरिया छाई रे
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हाँ तुझे सोचते रहना
हाँ तुझे सोचते रहना
Dr fauzia Naseem shad
मायूस फनकार
मायूस फनकार
Shekhar Chandra Mitra
आजा रे आजा घनश्याम तू आजा
आजा रे आजा घनश्याम तू आजा
gurudeenverma198
*सरकार तुम्हारा क्या कहना (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*सरकार तुम्हारा क्या कहना (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
फास्ट फूड
फास्ट फूड
Utsav Kumar Aarya
पहले जैसे रिश्ते अब क्यों नहीं रहे
पहले जैसे रिश्ते अब क्यों नहीं रहे
Ram Krishan Rastogi
Loading...