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1 Sep 2016 · 1 min read

दिल में यारों रब की इबादत रहे

ताज़ी ग़ज़ल (31.08.2016)

दिल में यारों रब की इबादत रहे
मुझसे तुझसे बहुत दूर आफ़त रहे।1।

सुबह शाम सुमिरन भी होता रहे
ये अच्छी भली अपनी आदत रहे।2।

तह लगाई है दिल में यादें तेरी
सात तालों में तेरी अमानत रहे।3।

ये रौशन है दुनिया तेरे नूर से
मेरे दिलवर तू हरदम सलामत रहे।4।

अपनी ना अपनों की परवाह की
‘आनंद’ याद उनकी शहादत रहे।5।

सर्वाधिकारी – आनंद बिहारी
https://m.facebook.com/anandbiharilive

3 Comments · 594 Views
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