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28 Apr 2022 · 1 min read

दिल मुझसे लगाकर,औरों से लगाया न करो

दिल मुझसे लगाकर,औरों से लगाया न करो,
इस तरह से जख्मों पर नमक लगाया न करो।

खुद मुल्जिम हो,इल्जाम मुझ पर लगाते हो,
इस तरह से चोरी का इल्जाम लगाया न करो।

गुजर चुकी है सारी हदें,मुझे अब सताने की,
हम तो पहले ही सताए है और न सताया करो।

इंतजार करते करते,थक गई है ये आंखें मेरी,
नींद भरी आंखों को,अब और न जगाया करो।

फैल चुके हर जगह,हमारी मोहब्बत के अफसाने,
कसम खाओ,इनको अब और न फैलाया करो।

रस्तोगी क्या बेखबर है इन सभी अफसानों से,
खबरदार,इन अफसानों को और न बताया करो।।

1 Like · 1 Comment · 461 Views
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