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26 Apr 2020 · 1 min read

दिल जीतने का कोई उपहार दो न

दिल जीतने का कोई उपहार दो न
छूटी वाला फिर से कोई इतवार दो न

कल तक हर पहर ख्यालों में क़रीब था
फिर से क़रीब आ वही प्यार दो न

दर्द है,मग़र मर्ज़ का पता नही
तुम ही आकर कोई उपचार दो न

भूपेंद्र रावत
23।04।2020

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Like · 387 Views

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