Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2022 · 1 min read

दिल को खुशी

ना गमे-तकदीर करो
ना ग़मे _जिंदगी करो

जो दिल को खुशी दे

वो ही नेक काम करो

Language: Hindi
1 Like · 77 Views

Books from shabina. Naaz

You may also like:
मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी)
मास्टर जी: एक अनकही प्रेमकथा (प्रतिनिधि कहानी)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चाहत
चाहत
Shyam Sundar Subramanian
हिजाब विरोधी आंदोलन
हिजाब विरोधी आंदोलन
Shekhar Chandra Mitra
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
मेरी चुनरी में लागा दाग, कन्हैया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बचपन-सा हो जाना / (नवगीत)
बचपन-सा हो जाना / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
■ टिप्पणी / शब्द संकेत
■ टिप्पणी / शब्द संकेत
*Author प्रणय प्रभात*
***
*** " बसंती-क़हर और मेरे सांवरे सजन......! " ***
VEDANTA PATEL
मेरी पंचवटी
मेरी पंचवटी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
क्या है नारी?
क्या है नारी?
Manu Vashistha
भगवान बताएं कैसे :भाग-1
भगवान बताएं कैसे :भाग-1
AJAY AMITABH SUMAN
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
श्रृंगारिक दोहे
श्रृंगारिक दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
💐प्रेम कौतुक-258💐
💐प्रेम कौतुक-258💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हक़ अदा इंसानियत का
हक़ अदा इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
मांग रहा हूँ जिनसे उत्तर...
मांग रहा हूँ जिनसे उत्तर...
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
छठ पर्व
छठ पर्व
Varun Singh Gautam
आदरणीय अन्ना जी, बुरा न मानना जी
आदरणीय अन्ना जी, बुरा न मानना जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी
कितने दिलों को तोड़ती है कमबख्त फरवरी
Vivek Pandey
अस्फुट सजलता
अस्फुट सजलता
Rashmi Sanjay
सच है, दुनिया हंसती है
सच है, दुनिया हंसती है
Saraswati Bajpai
बचपना
बचपना
Satish Srijan
हम भूल गए सच में, संस्कृति को
हम भूल गए सच में, संस्कृति को
gurudeenverma198
नववर्ष 2023
नववर्ष 2023
Vindhya Prakash Mishra
वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती,
वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती,
डी. के. निवातिया
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*लिफाफा ताड़िए साहिब(मुक्तक)*
*लिफाफा ताड़िए साहिब(मुक्तक)*
Ravi Prakash
तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
तुझसें में क्या उम्मीद करू कोई ,ऐ खुदा
Sonu sugandh
बाल कविता- कौन क्या बोला?
बाल कविता- कौन क्या बोला?
आर.एस. 'प्रीतम'
हां मुझे प्यार हुआ जाता है
हां मुझे प्यार हुआ जाता है
Surinder blackpen
बना कुंच से कोंच,रेल-पथ विश्रामालय।।
बना कुंच से कोंच,रेल-पथ विश्रामालय।।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
Loading...