Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2022 · 1 min read

दिल के रिश्ते

दिल रिश्ते—-

चाहत की ऊंचाई को बाजार नहीं बनने देते।
दिल सांसों धड़कन की गहराई में ही रहने देते !!

नादा हैं वो जो दुनिआ को नादान समझते रहते है।
शायद उनको नहीं मालूम नहीं लम्हा लम्हा दुनिआ के रंग बदलते है !!

लम्हा लम्हा रंग बदलती दुनिआ में नीयत ईमान बदलते रहते है !!

दिलोँ का रिश्ता ही नहीं, रिश्तों के अब व्यापार ही होते रहते हैं ।।

रिश्तों के बाज़ार हैं अब रिश्तों के बाज़ारो में रिश्तों के बाज़ार में रिश्ते ही सजते रहते हैं !!

चाहत की ऊंचाई को बाजार नहीं बनने देते।
दिल सांसों धड़कन की गहराई में ही रहने देते !!

रिश्तों की कीमत मौका,और मतलब रिश्तों के बाज़ारों की दुनिआ में अक्कसर रिश्ते,शर्मशार नीलाम ही होते रहते हैं !।

दुनिआ की भीड़ में भी इंन्सा तंन्हा खुद में खोया खोया खुद को खोजता।।

दुनिआ की भीड़ अक्सर नफ़रत के जंगो के मैदान बनते रहते है !!

मतलब नफ़रत कि जंगो में इंन्सा एक दूजे का कातिल लहू की स्याही से इबारत की तारीख बनाते रहते हैं !!

कभी परछाई भी ऊंचाई दुनिआ छू लेने को पागलपन ।
कभी ऊंचाई की तनहाई छलकते आंसू जज्बे के पैमाने से छलकते रहते हा।।

तंन्हा इंन्सा की तन्हाई परछाई ऊंचाई की तन्हाई के आंसु ,ख्वाबों ,अरमानो के मिलने और बिछड़ने का खुद हाल बयां ही करते हा !!

चाहत की ऊंचाई को बाजार नहीं बनने देते
दिल सांसों धड़कन की गहराई में ही रहने देते !!

नन्द लालमणि त्रिपाठी गोरखपुर उत्तर प्रदेश (पीताम्बर )

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हुआ अच्छा कि मजनूँ
हुआ अच्छा कि मजनूँ
Satish Srijan
कर्मयोगी
कर्मयोगी
Aman Kumar Holy
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
माँ (खड़ी हूँ मैं बुलंदी पर मगर आधार तुम हो माँ)
Dr Archana Gupta
बिजली कड़कै
बिजली कड़कै
MSW Sunil SainiCENA
*फल*
*फल*
Dushyant Kumar
मुस्कान है
मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
उन वीर सपूतों को
उन वीर सपूतों को
gurudeenverma198
पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
💐Prodigy Love-49💐
💐Prodigy Love-49💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
Amit Pandey
ज़ख्म सिल दो मेरा
ज़ख्म सिल दो मेरा
Surinder blackpen
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद
मनोज कर्ण
2256.
2256.
Dr.Khedu Bharti
रहस्यमय तहखाना - कहानी
रहस्यमय तहखाना - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जाति है कि जाती नहीं
जाति है कि जाती नहीं
Shekhar Chandra Mitra
अगर तोहफ़ा देने से मुहब्बत
अगर तोहफ़ा देने से मुहब्बत
shabina. Naaz
मन चाहे कुछ कहना....!
मन चाहे कुछ कहना....!
Kanchan Khanna
#ekabodhbalak
#ekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
पत्रकारों को पत्रकार के ही भाषा में जवाब दिया जा सकता है । प
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
नीर
नीर
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
'अशांत' शेखर
आसान नहीं होता
आसान नहीं होता
Rohit Kaushik
*कृपा करें जगदीश 【कुंडलिया】*
*कृपा करें जगदीश 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
हिंदी दिवस की बधाई
हिंदी दिवस की बधाई
Rajni kapoor
परिवर्तन
परिवर्तन
लक्ष्मी सिंह
एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ।
एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ।
Manisha Manjari
🌷 चंद अश'आर 🌷
🌷 चंद अश'आर 🌷
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Loading...